आयुष चिकित्सक संघ द्वारा शहर के एक निजी होटल में बैठक रखी और हाल ही में चल रही प्रशासन की कार्रवाई को लेकर सवाल खड़े किए गए और कहा गया कि जिस प्रकार से कुछ दिनों से जिला प्रशासन द्वारा आयुष होम्योपैथिक चिकित्सकों को नोटिस जारी कर उनके क्लिनिको को सील किया जा रहा है वह सही नहीं है जबकि आयुर्वेदिक चिकित्सकों द्वारा स्वयं मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी से रजिस्ट्रेशन करवाया गया है उसके बावजूद भी उन पर दुर्भावना वश कार्रवाई की जा रही है जो की सही नहीं है इसको लेकर वह जल्द ही ज्ञापन सौंप कर न्यायालय की शरण लेंगें
आपको बता दे कि बीते दिनों से स्वास्थ्य विभाग और प्रशासन की टीम संयुक्त रूप से जिले के बिना डिग्री धारी चिकित्सकों पर कार्रवाई चल रही है जिसके बाद जिले के आयुष चिकित्सक इस कार्यवाही से नाराज है उनका कहना है कि जो विभाग की टीमों द्वारा कार्रवाई की जा रही है वह कार्रवाई सही नहीं है, जबकि आयुष चिकित्सकों द्वारा मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी से रजिस्ट्रेशन करवा लिया गया है एवं काउंसिल में भी उनका रजिस्ट्रेशन हुआ है तो फिर संबंधित विभाग की टीम द्वारा उनके क्लिनिको में जाकर नोटिस देना और क्लिनिको को सील करना सही नहीं है और महज कुछ छोटे कर्मचारी जैसे आशा कार्यकर्ता और एएनएम द्वारा उनके क्लिनिको में आकर उन्हें नोटिस देना ठीक नहीं है, जबकि स्वास्थ्य विभाग के पास जिले में संचालित होने वाले सभी आयुष चिकित्सकों के क्लीनिक और डॉक्टरों की जानकारी पूरी उपलब्ध है फिर उसके बाद वह क्यों इस प्रकार से कार्रवाई कर रहे हैं, उन्हें यह लग रहा है कि संबंधित विभाग दुर्भावना वश उन पर कार्रवाई कर रहा है यदि इसी प्रकार से वह कार्यवाही करते है तो वह जल्द ही ज्ञापन के माध्यम से शासन के समक्ष अपनी बात रखेंगे और उससे भी यदि उन्हें न्याय नहीं मिलता तो वह न्यायालय की शरण लेकर की जाने वाली कार्रवाई का विरोध करेंगे और अपने अधिकार की लड़ाई लड़ेंगे
संगठन इस कार्रवाई का पुरजोर विरोध कर रहा है – वीरेंद्र दीक्षित
होम्योपैथिक चिकित्सक वीरेंद्र दीक्षित द्वारा पद्मेश न्यूज़ से चर्चा करते हुए बताया गया कि आज आयुष संगठन की एक बैठक आयोजित की गई थी जिसमें शासन के आदेश अनुसार जिले में जो कार्रवाई चल रही है और इस कार्रवाई को लेकर संगठन के सभी चिकित्सकों द्वारा चर्चा की गयी है कि जब सभी होम्योपैथिक चिकित्सकों द्वारा रजिस्ट्रेशन करवा लिया गया है तो फिर उन रजिस्ट्रेशन किए हुए डॉक्टर के क्लीनिक पर सील बंद करने की और नोटिस भेजने की कार्रवाई क्यों की जा रही है, वह सही नहीं है और उनका संगठन इस कार्रवाई का पुरजोर विरोध कर रहा है, उनका कहना है कि जब आयुष चिकित्सकों का सारा रिकॉर्ड और डाटा आपके पास है और कौन चिकित्सक सही है और किसका रजिस्ट्रेशन नहीं है अब स्वयं तय कर सकते हैं और जो डॉक्टर के पास रजिस्ट्रेशन नहीं है उन पर आप कार्रवाई करें उन्हें कोई दिक्कत नहीं है, किंतु जो डॉक्टरों द्वारा रजिस्ट्रेशन करवा लिया गया है उसके बावजूद भी उन पर कार्रवाई करना सही नहीं है और इसी कार्रवाई को लेकर वह न्यायालय में भी जाएंगे
एलोपैथिक से संबंधित कोई दवाई नहीं थी – ललित
बैठक में पहुंचे भानेगांव के डॉक्टर ललित बताते हैं कि उन्होंने होम्योपैथिक से बीएचएमएस किया हुआ है और वह अपना क्लीनिक संचालित कर रहे थे, तभी प्रशासन की टीम ने आकर उनके क्लीनिक को सील कर दिया जबकि उनके पास एलोपैथिक से संबंधित कोई दवाई नहीं थी सिर्फ उन्हें मरीज की सीबीसी की टेस्ट रिपोर्ट भर प्राप्त हुई थी उसके और उन्हें कोई भी ऐसा ठोस सबूत मिला नहीं उसके बावजूद भी उनका क्लीनिक सील कर दिया गया , जिसका वह विरोध करते हैं उन्होंने टीम को अपनी डिग्री सहित क्लीनिक का रजिस्ट्रेशन दिखाए पर प्रशासन की टीम ने उनके क्लीनिक पर कार्रवाई कर दी जिसका वह विरोध कर रहे हैं