सरण्डी अंडरब्रिज में भरा पानी ग्रामीण आक्रोशित

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वारासिवनी कटंगी मुख्य मार्ग से ग्राम पंचायत सारंडी के लिए जाने वाले मार्ग पर भारतीय रेलवे के द्वारा ट्रेन के आवागमन को लेकर अंडरब्रिज का निर्माण किया गया था। जिसमें पानी भरने के कारण ग्रामीणों को बेहद समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है ऐसी स्थिति में आवागमन बामुश्किल ही हो पा रहा है। तो वहीं कई लोगों के लिए आवागमन असंभव होने पर वह अंडरब्रिज के ऊपर से रेलवे पटरी को क्रॉस कर अपने ग्राम की ओर जा रहे हैं इस दौरान होने वाली समस्या से हर कोई परेशान है। जिनके द्वारा उक्त समस्या का स्थाई निराकरण करने की मांग लंबे समय से की जा रही है पर वर्तमान तक इस समस्या का स्थाई निराकरण नहीं किया गया है जिसके कारण लोगों को परेशानी का सामना कर आना जाना करना पड़ रहा है।

निर्माण के बाद से बनी हुई है समस्या

वारासिवनी कटंगी ब्रॉडगेज रेलवे लाइन विस्तार के दौरान विभिन्न ग्रामों के मार्ग पर अंडर ब्रिज का निर्माण करवाया गया था। इस दौरान सरण्डी मार्ग पर भी और ब्रिज का निर्माण किया गया जहां पर आज भी पानी निकासी की समस्या यथावत बनी हुई है। जिसका निराकरण नहीं किया गया है जबकि यह समस्या अंडरब्रिज के निर्माण के समय से बनी हुई। जिसके लिए विभाग के द्वारा बीच में पाइपलाइन का विस्तार पानी निकासी के लिए किया गया था परंतु वह भी वर्तमान में व्यर्थ साबित हो रहा है। क्योंकि आसपास का पानी छोटे-छोटे स्रोतों के माध्यम से अंडर ब्रिज में जमा हो जाता है जहां पर बहुत ज्यादा पानी भरने पर दिखाई गई पाइपलाइन के माध्यम से वह पानी निकल जाता है। इसके बाद ढाई से 3 फीट पानी नहीं निकल पाता है जो अंडर ब्रिज में जमा हुआ है इसी के साथ रेत मिट्टी का कीचड़ और काई के कारण काफी समस्या बनी हुई है। क्योंकि कभी-कभी मोटरसाइकिल बंद हो जाती है या कीचड़ में फंसकर काई के कारण स्लिप हो जाती है ऐसी स्थिति में व्यक्ति को कपड़े खराब करने के साथ चोटिल भी होना पढ़ रहा है।

ट्रेन का नहीं है निर्धारित समय

अंडर ब्रिज में पानी भरा होने के कारण स्कूल जाने वाले छात्र-छात्राएं सहित पैदल या साइकिल से आना-जाना करने वाले ग्रामीण राहगीर इस परिस्थिति में रेलवे पटरी को पार कर आना जाना कर रहे हैं। जहां पर उन्हें साइकिल को ट्रैक पार करने में भारी समस्या हो रही है तो वहीं ट्रेन का समय निर्धारित किया गया है परंतु अधिकांश ट्रेनें अपने समय से लेट आना-जाना करती रहती है। ऐसे में समस्त ग्रामीणों को निर्धारित समय ट्रेन का न होने से मन में भय बना रहता है क्योंकि इसके पूर्व भी कई बार इन पटरी पर हादसे हो चुके हैं। परंतु पानी भरने की समस्या के कारण वह खतरे के बीच पटरी के ऊपर से आना-जाना कर रहे हैं।

राहगीर शिवलाल मानवटकर ने बताया कि अंडरब्रिज से आना-जाना बंद है क्योंकि वहां पर पानी भरा हुआ है ढाई से 3 फीट का पानी भरा हुआ है। ऐसे में नीचे बहुत ज्यादा समस्या बनी हुई है क्योंकि यदि यहां से आना जाना करते हैं तो कपड़े गीले और खराब दोनों हो सकते हैं इसलिए पैदल या साइकिल से चलने वाले लोग ऊपर रेलवे ट्रैक से आना-जाना कर रहे हैं। ऐसे में यदि ट्रेन आ जाती है तो दुर्घटना की भी संभावना बनी हुई है नीचे पानी भरा हुआ है जहां पर साफ सफाई होनी चाहिए। क्योंकि मिट्टी रेट सब जमा हो गई है पानी भी भरा हुआ है इस पानी की निकासी नहीं हो पा रही है अभी बीच में पानी निकासी को लेकर पाइपलाइन भी बहुत लंबी डाली गई थी किंतु वह व्यर्थ साबित हो रही है इस पर गंभीरता से विचार करना चाहिए।

राहगीर लालाजी घोड़ेश्वर ने बताया कि वह कोसरीटोला रहते हैं पुल के नीचे में पानी भरा हुआ है और हम साइकिल से चलते हैं इसलिए हम जैसे लोगों के लिए वहां समस्या बनी हुई है। नीचे में वर्तमान में करीब घुटने के ऊपर यानी 3 फीट पानी भरा हुआ है जहां पैदल चलना भी एक समस्या है क्योंकि कीचड़ जमा हो गया है इसलिए हमको रेलवे ट्रैक के ऊपर से आना-जाना करना पड़ रहा है। इसमें हमें साइकिल को उठाने और पटरी पार करने में समस्या हो रही है जहां पर चलना बहुत मुश्किल है और मैं ही नहीं मेरे जैसे पैदल चलने वाले लोग ऊपर से आना-जाना कर रहे हैं। बाकी मोटरसाइकिल और बड़े वाहन नीचे से आना जाना कर रहे हैं।

ग्रामीण विनोद चौधरी ने बताया कि यह अंडर ब्रिज जब से बना है तब से समस्या बनी हुई है अंदर पानी भरा रहता है ।जब मोटरसाइकिल से जाते हैं हमको गाड़ी बंद पड़ जाती है टायर को मिट्टी पकड़ लेती है और कुछ स्थानों पर काई जमा होने के कारण वाहन स्लिप भी होते हैं। एक बार मेरी भी मोटरसाइकिल स्लिप हुई थी जिसमें मैं चोटिल हो गया था और जो साइकिल और पैदल चल रहे हैं वह ऊपर से आना-जाना कर रहे हैं ऐसे में ट्रेन के टाइमिंग की भी समस्या है। ऊपर से मोटरसाइकिल में बहुत ज्यादा समस्या है इसलिए नीचे से ही आ रही है इस मार्ग से दो से तीन सैकड़ा विद्यार्थी रोजाना आना-जाना करते हैं और लोहार बड़गांव जैसे आधा दर्जन ग्राम के लोग यहीं से आना-जाना करते हैं। समीप का रास्ता पड़ता है हमारे हिसाब से यह जो अंडर ब्रिज बनाया गया है वह गलत बना है यहां ओवर ब्रिज बनाया जाना था।

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