बालाघाट(पदमेश न्यूज़)
आदिवासी वनांचलो में निवासरत विशेष जनजाति बैगा के उत्थान और उनके जीवन निर्वाह के लिए शासन प्रशासन द्वारा अनेक प्रकार की योजनाएं चलाई जा रही हैं।जिनके बल पर सरकार बैगाओं का उत्थान किए जाने का दावा करती है लेकिन इसकी जमीनी हकीकत कुछ और ही है। दरअसल बैगाओं के उत्थान के लिए जो योजनाएं शासन प्रशासन द्वारा चलाई जा रही हैं उनमें से कई ऐसी योजना है जिनका लाभ बैगा जनजाति के लोगों को नहीं मिल पा रहा है।जिसके चलते बैगा जनजाति के लोग आज भी बदहाल जिंदगी जीने को मजबूर हैं यहां तक कि अति पिछड़ी विशेष जनजाति बैगा महिलाओं को पोषण आहार योजना का लाभ भी नहीं मिल पा रहा है जिसके चलते वे आए दिन शासकीय कार्यालयों के चक्कर काटने पर मजबूर हैं।इसी कड़ी में बैहर तहसील के ग्राम जगला से आई ढेड़ दर्जन से अधिक बैगा महिलाओ ने कलेक्टर कार्यालय पहुंचकर एक ज्ञापन सौपा है। जहां उन्होंने ना सिर्फ भरण पोषण योजना में शामिल कर योजना का लाभ दिए जाने की मांग की।बल्कि प्रधानमंत्री आवास,, लाडली बहना सहित अन्य योजनाओं का लाभ देने की भी गुहार लगाई।
2 वर्षो से नही मिल रही भरण पोषण की राशि
ज्ञापन सौंपने पहुंची महिलाओं ने बताया कि कई बार आवेदन करने के बाद भी उन्हें बैगा पोषण आहार, पीएम आवास, और लाडली बहना, सहित अन्य योजनाओं का लाभ नहीं मिल पा रहा है जिसके चलते वे अपने बच्चों का लालन-पालन ठीक ढंग से नहीं कर पा रही है। उन्होंने बताया कि पहले उन्हें भरण पोषण योजना के तहत 1000 रु की राशि प्रति माह दी जाती थी लेकिन यह राशि पिछले 2 वर्ष से नहीं दी जा रही है।कई बार आवेदन निवेदन किया पर कहीं कोई सुनवाई नहीं हो रही है इसीलिए आज कलेक्टर कार्यालय आना पड़ा ।जहां उन्होंने ज्ञापन सौंप कर भरण पोषण सहित अन्य योजनाओं का लाभ दिलाने की मांग की है।
लाडली बहना योजना भी बनी अड़ंगा
बताया जा रहा है कि बैगा आदिवासी महिलाओं को शासन द्वारा प्रति माह भरण पोषण के लिए 1000 रु की राशि दी जाती है। जो राशि शासन द्वारा 2 वर्ष से नहीं दी गई है।जिसके चलते बैगा आदिवासी महिलाए शासकीय कार्यालय के चक्कर काटने के लिए मजबूर हैं। वहीं उन्हें परिवार के भरण पोषण व लालन पालन के लिए विभिन्न परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है।वही लाडली बहना योजना भी कई आदिवासी बैगा महिलाओं के लिए परेशानी का सबब बनी हुई है। जानकारी के अनुसार कुछ ऐसी बैगा महिलाएं हैं जिन्हें पूर्व में बैगा आदिवासी भरण पोषण की राशि के रूप में 1000 प्रतिमाह दिया जाता था। लेकिन जब से लाडली बहन योजना शुरू हुई है उन महिलाओं को भी भरण पोषण राशि का लाभ नहीं मिल पा रहा है। जिसके चलते वे शासकीय कार्यालय के चक्कर काटने के लिए मजबूर है।
हमारे लिए बनी योजनाओं का लाभ हमें मिलना चाहिए
उक्त मांग को लेकर बैहर क्षेत्र के जगला ग्राम से कलेक्टर कार्यालय पहुंची बैगा आदिवासी महिला ईमली बाई सहित अन्य बैगा आदिवासी महिलाओं ने बताया कि उनके गांव में करीब 24 से 25 ऐसी महिलाएं हैं जिन्हें पहले शासन द्वारा भरण पोषण योजना के तहत 1000 रु की राशि दी जाती थी। लेकिन वह राशि कुछ महीनो बाद बंद कर दी गई है यह राशि आना बंद क्यों हो गई। इसकी कोई जानकारी नहीं दी जा रही है। करीब 2 वर्ष बीत चुके हैं हमें भरण पोषण की राशि नहीं मिल रही है इसके अलावा हमें लाडली बहन योजना का लाभ भी नहीं दिया रहा है।जिसकी शिकायत कई बार सरपंच सचिव से की गई है लेकिन कोई सुनवाई नहीं हो रही है। वही ऐसी कई महिलाएं हैं जिन्हें आज तक भरण पोषण योजना का लाभ भी नहीं मिल पाया है। हमारी मांग है की जब योजना हमारे लिए बनाई गई है तो उसका लाभ भी हमें मिलना चाहिए।