इस्लामाबाद: डोनाल्ड ट्रंप के इस साल जनवरी में अमेरिका का राष्ट्रपति बनने के बाद से दुनिया में बड़ा बदलाव देखने को मिला है। ट्रंप की टैरिफ नीति की वजह से दुनियाभर में ट्रेड वॉर जैसी स्थिति है। खासतौर से अमेरिका और चीन के बीच बढ़ती प्रतिस्पर्धा दुनिया को तेजी से बदल रही है। शीत युद्ध के समय जैसे देशों की भौगोलिक स्थिति अहमियत रखती थी, उसी तरह अब आर्थिक ताकत का महत्व बढ़ गया है। अमेरिका और चीन की तनातनी में पाकिस्तान जैसे देश खुद को फंसा हुआ पा रहे हैं। दूसरी ओर भारत संतुलन साधते हुए आगे बढ़ रहा है।
सिटीग्रुप के इमर्जिंग मार्केट इन्वेस्टमेंट के पूर्व प्रमुख यूसुफ नजर पाकिस्तानी अखबरा डॉन में लेख में कहते हैं, ‘बदलाव के मौजूदा दौर में भारत अपने बाजार और सुधारों का फायदा उठाकर दुनिया में अपनी ताकत बढ़ा रहा है। वहीं पाकिस्तान को आर्थिक चुनौतियों का सामना करना पड़ रहा है। पाकिस्तान व्यापार, तकनीक और तरक्की के दौर में अपनी जगह बनाने की कोशिश कर रहा है लेकिन कामयाब होता नहीं दिख रहा है।
ट्रंप की नीतियां और वैश्वीकरण
पॉल क्रुगमैन का मानना है कि अमेरिका की नई टैरिफ नीतियां वैश्वीकरण को खत्म कर सकती हैं। ट्रंप टैरिफ में भले ही कुछ नरमी दिखा दें लेकिन उनकी पॉलिसी ने वैश्वीकरण को कमजोर किया है और अमेरिका पर अंतरराष्ट्रीय भरोसे को नुकसान पहुंचाया है। वैश्वीकरण कमजोर पड़ने से महंगाई बढ़ेगी। इसका सीधा असर पाकिस्तान की अर्थव्यवस्था पर होगा, जो पहले ही बुरी हालत में है।