नई दिल्लीः सरकार पाकिस्तान प्रायोजित आतंकवाद पर विभिन्न देशों को जानकारी देने के लिए सर्वदलीय टीम भेजेगी। सरकार ‘ऑपरेशन सिंदूर’ के तहत यह कदम उठा रही है। सरकार अलग-अलग देशों में सांसदों के पांच सर्वदलीय प्रतिनिधिमंडल भेजेगी। यह प्रतिनिधिमंडल पाकिस्तान द्वारा फैलाए जा रहे आतंकवाद के बारे में दुनिया को बताएगा। हर टीम में आठ सदस्य होंगे।
भाजपा, कांग्रेस, टीएमसी, डीएमके, एनसीपी (एसपी), जेडीयू, बीजेडी, शिवसेना (यूबीटी), सीपीएम और कुछ अन्य दलों के सांसद इन प्रतिनिधिमंडलों का हिस्सा होंगे। इससे यह संदेश जाएगा कि पूरा देश आतंकवाद के खिलाफ एक साथ है। सूत्रों के अनुसार, कुछ पूर्व मंत्री इन प्रतिनिधिमंडलों का नेतृत्व करेंगे। यह दौरा लगभग 10 दिनों का होगा। विदेश मंत्रालय (MEA) रवाना होने से पहले सांसदों को जानकारी देगा।
कांग्रेस सूत्रों के अनुसार, सरकार ने सीधे सांसदों से संपर्क किया, जो उन्हें पसंद नहीं आया। वे चाहते थे कि सरकार पहले पार्टी नेतृत्व से बात करे। सूत्रों ने कहा कि पार्टी सदस्य ‘देशहित’ में प्रतिनिधिमंडलों में शामिल होंगे, लेकिन कौन जाएगा, यह तय करना नेतृत्व का काम है। शशि थरूर को प्रतिनिधिमंडल का नेतृत्व करने की संभावना पर उन्हें खास तौर पर आपत्ति थी। शायद उन्हें अमेरिका जाने वाले दल का नेतृत्व करने के लिए चुना जा सकता है। एक सूत्र ने कहा, “वे विदेश मामलों की स्थायी समिति के अध्यक्ष हैं, इसलिए उन्हें चुना जाना चाहिए था, लेकिन हाल ही में उनके बयान पार्टी के रुख से अलग थे।” कांग्रेस के सूत्रों ने यह भी कहा कि वे लोकसभा में उप नेता गौरव गोगोई को भी किसी एक टीम में शामिल करने के लिए कहेंगे।
कांग्रेस की प्रतिक्रिया पर हैरानी जताई
सरकार ने कांग्रेस की प्रतिक्रिया पर हैरानी जताई। एक सूत्र ने कहा, “प्रतिनिधिमंडलों के सदस्यों को राष्ट्रीय हित में काम करना चाहिए, न कि राजनीतिक दलों के प्रतिनिधि के रूप में। वे वहां भारतीय बनकर जा रहे हैं।” उन्होंने आगे कहा, “हमेशा से यही तरीका रहा है कि सरकार सदस्यों को चुनती है। अब तक किसी ने इस पर आपत्ति नहीं की है।”