नई दिल्ली: मध्य एशियाई देशों के विदेश मंत्रियों ने शुक्रवार को पहलगाम में हुए आतंकी हमले की कड़ी निंदा की। उन्होंने कहा कि आतंकी हमलों के अपराधियों, मास्टरमाइंड और वित्तपोषकों को जवाबदेह ठहराया जाना चाहिए और उन्हें न्याय के कटघरे में लाया जाना चाहिए। विदेश मंत्री एस जयशंकर ने भारत-मध्य एशिया के विदेश मंत्रियों की वार्ता की मेजबानी की। यह बैठक साढ़े तीन साल से अधिक समय के बाद हुई।
- संयुक्त बयान के अनुसार, देशों ने पहलगाम हमले की निंदा की और आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई के लिए अपनी प्रतिबद्धता दोहराई।
- उन्होंने कहा कि आतंकवादियों को सुरक्षित पनाह देना, सीमा पार आतंकवाद के लिए आतंकवादी समूहों का इस्तेमाल करना, आतंकवाद के लिए धन मुहैया कराना, हथियारों और ड्रग्स की तस्करी करना, कट्टरपंथी विचारधारा का प्रसार करना और साइबर स्पेस का दुरुपयोग करना मानवता और अंतर्राष्ट्रीय संबंधों के बुनियादी सिद्धांतों के खिलाफ है।
- उन्होंने जोर देकर कहा कि आतंकवादी कृत्यों के अपराधियों, आयोजकों, वित्तपोषकों और प्रायोजकों को जवाबदेह ठहराया जाना चाहिए और उन्हें न्याय के कटघरे में लाया जाना चाहिए।
- उन्होंने आतंकवाद पर संयुक्त राष्ट्र के व्यापक सम्मेलन को जल्द अपनाने का आह्वान किया। उन्होंने संयुक्त राष्ट्र के नेतृत्व में वैश्विक आतंकवाद विरोधी सहयोग को मजबूत करने और प्रासंगिक UNSC प्रस्तावों, वैश्विक आतंकवाद विरोधी रणनीति और FATF मानकों को पूरी तरह से लागू करने की आवश्यकता पर जोर दिया।
- मंत्रियों ने आतंकवाद, युद्ध और ड्रग्स से मुक्त एक शांतिपूर्ण और स्थिर अफगानिस्तान के लिए अपना समर्थन दोहराया। मंत्रियों ने अफगानिस्तान से संबंधित मामलों पर करीबी समन्वय और परामर्श जारी रखने पर सहमति व्यक्त की।
भारत ने की सराहना
भारत ने पहलगाम आतंकी हमले के बाद उसके साथ खड़े रहने के लिए मध्य एशियाई देशों की शुक्रवार को सराहना की और कहा कि वह कजाकिस्तान, किर्गिस्तान, ताजिकिस्तान, तुर्कमेनिस्तान और उजबेकिस्तान के लिए एक ‘विश्वसनीय विकास भागीदार’ होगा। विदेश मंत्री एस जयशंकर ने भारत-मध्य एशिया वार्ता में अपने संबोधन में कहा कि भारत इन पांचों देशों के साथ संपर्क, व्यापार, पर्यटन और शिक्षा सहित विभिन्न क्षेत्रों में सहयोग बढ़ाने का इच्छुक है।










































