अमेरिका ने 6 भारतीय कंपनियों पर लगाया प्रतिबंध, जानें क्यों?

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 डोनाल्ड ट्रंप प्रशासन ने ईरानी मूल के पेट्रोकेमिकल प्रोडक्ट्स से जुड़े लेन-देन करने के लिए 6 भारतीय कंपनियों पर प्रतिबंध लगा दिए हैं। यह कदम ईरान सरकार के राजस्व स्रोतों को बंद करने के अमेरिका के व्यापक प्रयास का एक हिस्सा है। ईरान पर आतंकवाद को फाइनेंसिंग करने और मध्य पूर्व को अस्थिर करने का आरोप लगाया है। बुधवार को जारी एक बयान में अमेरिकी विदेश विभाग ने कहा कि भारत, संयुक्त अरब अमीरात, तुर्की और इंडोनेशिया स्थित कंपनियों सहित 20 वैश्विक संस्थाओं को ईरानी पेट्रोकेमिकल प्रोडक्ट्स के ट्रांसशिपमेंट, बिक्री और खरीद में उनकी संलिप्तता के लिए प्रतिबंधित किया गया है। विभाग ने कहा कि कोई भी देश या व्यक्ति जो ईरानी तेल या पेट्रोकेमिकल खरीदने का विकल्प चुनता है, वह खुद को अमेरिकी प्रतिबंधों के जोखिम में डालता है।

प्रतिबंधित लिस्ट में 6 भारतीय कंपनियां कौन-कौन?

  • कंचन पॉलिमर्स: फरवरी और जुलाई 2024 के बीच यूएई स्थित तानाइस ट्रेडिंग से 1.3 मिलियन डॉलर से अधिक मूल्य की ईरानी पॉलीइथाइलीन का आयात किया।
  • अलकेमिकल सॉल्यूशंस: एक पेट्रोकेमिकल व्यापारी जिसने 2024 के दौरान 84 मिलियन डॉलर से अधिक के ईरानी प्रोडक्ट्स खरीदे।
  • रमणिकलाल एस गोसालिया एंड कंपनी: जनवरी 2024 और जनवरी 2025 के बीच मेथनॉल और टोल्यूनि सहित 22 मिलियन डॉलर से अधिक मूल्य की खरीदारी में शामिल।
  • जुपिटर डाई केम प्राइवेट लिमिटेड: इसी अवधि के दौरान 49 मिलियन डॉलर से अधिक मूल्य के ईरानी टोल्यूनि का आयात किया।
  • ग्लोबल इंडस्ट्रियल केमिकल्स लिमिटेड: 51 मिलियन डॉलर से अधिक मूल्य के सौदों में शामिल।
  • पर्सिस्टेंट पेट्रोकेम प्राइवेट लिमिटेड: पिछले वर्ष इसी तरह के 14 मिलियन डॉलर से अधिक के लेनदेन किए।

सभी कंपनियों पर जानबूझकर ईरानी पेट्रोकेमिकल प्रोडक्ट्स से जुड़े महत्वपूर्ण लेनदेन में भाग लेने और इस प्रकार अमेरिकी प्रतिबंध नीति का उल्लंघन करने का आरोप है। परिणामस्वरूप, इन कंपनियों से संबंधित सभी यूएस लिंक्ड एसेट्स अब जब्त कर ली गई हैं और उन्हें विदेशी संपत्ति नियंत्रण कार्यालय (OFAC) को सूचित करना होगा।

व्यापक कार्रवाई में भारतीय नागरिक भी शामिल

अमेरिकी ट्रेजरी विभाग ने ईरान के तेल शिपिंग नेटवर्क से जुड़े व्यक्तियों और फर्मों के खिलाफ भी कार्रवाई की है। 2018 के बाद से ईरान से संबंधित सबसे बड़ी कार्रवाई के रूप में, ट्रेजरी ने 50 से अधिक व्यक्तियों और संस्थाओं के साथ-साथ 50 जहाजों की पहचान की, जो मोहम्मद हुसैन शमखानी एक वरिष्ठ ईरानी राजनीतिक सलाहकार के बेटे हैं उससे से जुड़े थे।

जिन लोगों के नाम सामने आए हैं, उनमें पंकज नागजीभाई पटेल भी शामिल हैं, जो यूएई में रहने वाले एक भारतीय नागरिक हैं और टेओडोर शिपिंग के लिए एक कार्यकारी के रूप में काम करते थे, जिसे शमखानी के नेटवर्क से लाखों डॉलर मिले थे। इसके अतिरिक्त, मार्शल द्वीप स्थित नियो शिपिंग इंक से जुड़े भारतीय नागरिक जैकब कुरियन और अनिल कुमार पनक्कल नारायणन नायर को भी लिस्टेड किया गया है। यह कंपनी ABHRA की मालिक है, जो ईरान के तेल निर्यात के लिए प्रबंधित जहाजों में से एक है।

अमेरिका ने ईरान पर दबाव दोहराया

विदेश विभाग ने जोर देकर कहा कि इन कार्रवाइयों का उद्देश्य क्षेत्रीय अस्थिरता और आंतरिक दमन के लिए इस्तेमाल किए जाने वाले वित्तीय संसाधनों तक ईरान की पहुंच को रोकना है। विभाग ने कहा कि आज की कार्रवाई ईरान के अवैध तेल और पेट्रोकेमिकल व्यापार को बढ़ावा देने वालों को निशाना बनाने के हमारे संकल्प को रेखांकित करती है।

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