शहर के किसी भी स्लम एरिया में चले जाइए आपको अधूरे मकान दिखाई दे तो समझ जाइए कि यह पीएम आवास हितग्राहियों के मकान है जिनके लिए राशि का आवंटन शासन द्वारा नहीं किया गया है नतीजा यह मकान 2 वर्ष से अधूरे पड़े हैं।
ऐसे ही अधूरे मकान वाले हितग्राहियों ने 26 फरवरी को नगर पालिका पहुंचकर अधिकारियों को अपनी परेशानी बताई और जल्द से जल्द मकान की पूरी राशि बैंक खाते में जमा करने की अपील की इस गायों ने बताया कि महंगाई ऊपर से अधूरे मकान उनके ऊपर जैसे परेशानियों का पहाड़ टूट पड़ा है।
आंकड़ों के मुताबिक शहर के भीतर लगभग अट्ठारह सौ मकान अधूरे पड़े हैं। शासन राशि का आवंटन नहीं कर रहा है ऐसे में नगर पालिका के अधिकारी के सामने इन हितग्राहियों को समझाइश देने के अलावा दूसरा कोई रास्ता ही नहीं दिखाई दे रहा है।