दुर्लभ बीमारी ब्लैक फंगस अब आम होती जा रही है। नेताजी सुभाषचंद्र बोस मेडिकल कॉलेज अस्पताल में 60 तथा शहर के तमाम निजी अस्पतालों में इस बीमारी के 45 मरीज भर्ती होकर उपचार करवा रहे हैं। अस्पतालों में रोजाना कम से कम 20 नए मरीज पहुंचने लगे हैं जिससे चिकित्सकों की चिंता बढ़ गई है।
चिकित्सकों ने सलाह दी है कि वर्तमान परिस्थिति में किसी भी तरह की शारीरिक समस्या को नजरअंदाज करना घातक हो सकता है। कोरोना संक्रमित मरीज बंद नाक की समस्या को महज साधारण सर्दी जुकाम मानने की भूल न करें। विदित हो कि मेडिकल कॉलेज अस्पताल में ब्लैक फंगस मरीजों के उपचार के लिए विगत सप्ताह 15 बिस्तर आरक्षित किए गए थे।
जबलपुर समेत रीवा संभाग व अन्य जिलों के मरीजों की बढ़ती संख्या के कारण बिस्तर क्षमता बढ़ाई गई है। फिलहाल दो वार्ड ब्लैक फंगस मरीजों के उपचार के लिए आरक्षित किए जा चुके हैं। मरीजों की संख्या बढ़ने की दशा में बिस्तर संख्या बढ़ाने पर विचार किया जा रहा है। ब्लैक फंगस के खतरे से जूझते तमाम मरीजाें का जबड़ा व आंख निकालने के आपॅरेशन किए जा चुके हैं।










































