मुख्यमंत्री कोविड उपचार योजना में अब नकली आयुष्मान कार्ड भी सामने आए हैं। ऐसे तीन मामले जिला प्रशासन के पास आए जिनमें मरीजों के आयुष्मान कार्ड का कोई रिकॉर्ड ही डाटा में नहीं है,जबकि कार्ड आयुष्मान योजना के तहत बना मिला है। यह कैसे हुआ फिलहाल प्रशासन के अफसर भी हैरत में हैं और जांच कराई जा रही है। ग्वालियर में सिम्स अस्पताल के दो मरीज और एक मरीज परिवार अस्पताल का ऐसा सामने आया है। इन निजी अस्पतालों में कार्ड का रिकॉर्ड न मिलने से मरीज का इलाज संभव नहीं है। वहीं कुछ निजी अस्पताल ऐसे भी हैं जहां मरीज तो आयुष्मान कार्ड के भरोसे भर्ती हो गए लेकिन निजी अस्पतालों का अभी मुख्यमंत्री कोविड उपचार योजना में पंजीयन ही पूर्ण नहीं हुआ है। पंजीयन की इस लेटलतीफी में मरीज व स्वजन परेशान हो रहे हैं।