दो महीने से कर्फ्यू तो बिजली बिलों पर सरचार्ज क्यों, कांग्रेस ने की माफ़ करने की मांग

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 दो महीने से ज्यादा समय से कोरोना कर्फ्यू है। जब लोगों के घरों से निकलने पर रोक है तो सरकार बिजली के बिल तय तारीख पर जमा करने की जबरदस्ती कैसे कर सकती है। कांग्रेस ने बिजली बिलों पर लगाया गया सरचार्ज और पेनल्टी माफ करने की मांग की है। बिजली कम्पनी ने छूट देने का अधिकार शासन के पास होने की बात कहकर इससे पल्ला झाड़ लिया है।कांग्रेस महासचिव दिलीप कौशल के मुताबिक प्रदेश के करोड़ोंं विद्युत उपभोक्ताओं को तीन महीने से बिल में सरचार्ज जोड़ कर दिया जा रहा है। करोना महामारी को देखते हुए जब प्रदेश में सबकुछ बंद था तब सरकार ने बिल में छूट की बात कही थी। परन्तु बाद में बिल माफी की बात से मुकरते हुए भारी भरकम बिल वसूले थे उसी तरह अभी करोना की दूसरी लहर में जब सबकुछ बंद किया गया है तब भी सरकार द्वारा मार्च, अप्रैल, मई में उपभोक्ताओं को राहत देने के बजाय बिजली बिलों में परिवारों को जनता कर्फ्यू / लॉकडाउन में भारी-भरकम बिजली बिल जारी किए हैं।

इस बारे में कांग्रेस ने मध्यप्रदेश क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनियों के चेयरमैन आकाश त्रिपाठी, इंदौर की पश्चिम क्षेत्र वितरण कम्पनी के प्रबंधक अमित तोमर सहित आपदा प्रबंधन समिति कमेटी इंदौर को ई-मेल से ज्ञापन-पत्र भेजकर प्रदेश के विद्युत उपभोक्ताओं को भेजे गए विद्युत बिलों को स्थिति सामान्य होने तक स्थगित रखने तथा उपभोक्ताओ पर माह मार्च से मई माह तक बकाया बिलों पर आरोपित सरचार्ज / अधिभार की राशि शून्य करने की मांग की है।

उच्च न्यायालय खंडपीठ जबलपुर के मुख्य न्यायाधिपति द्वारा प्रदेश सरकार को नागरिकों के विरुद्ध वसूली आदि सहित अन्य सख्त कार्रवाई को 15 जून तक स्थगित करने के आदेश पारित किए है, जिसके पालन का दायित्व मध्यप्रदेश सरकार का है। ऐसे में सरकार को जनता कर्फ्यू / लॉकडाउन के चलते मई माह में जारी किए गए विद्युत बिलों को स्थिति सामान्य होने तक स्थगित रखने तथा उपभोक्ताअों पर माह मार्च से मई तक के देयक पर आरोपित अधिभार की राशि विलोपित करने की मांग की है। साथ ही सार्वजनिक सूचना प्रकाशित करने की भी मांग की है।

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