GST के तहत ई-वे बिल जनरेशन जून के शुरुआती 20 दिनों में 34% बढ़ा, आर्थिक गतिविधियों में सुधार के संकेत

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देश में कोरोना महामारी की वापसी से अप्रैल-मई के दौरान इकोनॉमी पर बुरा असर पड़ा। क्योंकि संक्रमण के फैलाव को रोकने के लिए प्रमुख राज्यों में जगह-जगह सख्त पाबंदियां लगाई गई। इससे इकोनॉमिकल्स एक्टिविटीज की रफ्तार धीमी पड़ गई। हालांकि, रियायतों से अब सुधार नजर आने लगी है।

ई-वे बिल जनरेशन में सुधार से आर्थिक रिकवरी की उम्मीद
मई में GST के तहत इलेक्ट्रॉनिक वे (ई-वे) बिल जनरेशन एक साल के सबसे निचले स्तर पर आ गया था। हालांकि, सरकार से पाबंदियों में मिल रही रियायतों से जून में यह आंकड़ा सुधरता नजर आ रहा है। इस महीने के शुरूआती 20 दिनों में ई-वे बिल कलेक्शन 3.28 करोड़ रहा, जो मई में समान अवधि में 2.45 करोड़ था। यानी बिल जनरेशन में 34.4% की पॉजिटिव ग्रोथ हुई है।

हर दिन के लिहाज से बिल जनरेशन का आंकड़ा भी जून में सुधरा है। माह के दूसरे हाफ में प्रति दिन औसतन 16.88 लाख बिल जनरेट हुए, जो मई में 12.22 लाख था।

20 दिनों में ई-वे बिल जनरेशन 11 लाख करोड़ रुपए के करीब
वैल्यू के लिहाज से देखें तो जून के 20 दिनों में ई-वे बिल जनरेशन 10.58 लाख करोड़ रुपए का रहा, जो मई में इसी अवधि में 8.79 लाख करोड़ रुपए का रहा था। ये आंकड़े सरकार की तरफ से जारी किया गया है।

ई-वे बिल जनरेशन का आंकड़ा कोरोना महामारी की दूसरी लहर के चलते कमजोर होता जा रहा था। मार्च में बिल जनरेशन 6.72 करोड़ रहा था, जो अप्रैल में घटकर 5.73 करोड़ और मई में 3.95 करोड़ हो गया। हालांकि, लगातार मिल रही रियायतों से जून में आंकड़ा सुधर रहा है।

2020-21 में बिल जनरेशन पिछले फाइनेंशियल ईयर से कम रहा था
अगर हम पूरे फाइनेंशियल ईयर 2020-21 में ई-वे बिल जनरेशन का आंकड़ा देखें तो यह 61.68 करोड़ रहा, जो 2019-20 में 62.88 करोड़ रहा था। यही आंकड़ा पिछले तीन सालों के लिहाज से देखें तो 21 मार्च 2021 तक करीब 180 करोड़ ई-वे बिल जनरेट हुए।

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