नारायण राणे को मिल सकता है मंत्री पद, चिकन की दुकान से शुरू किया था करियर

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प्रधानमंत्री मोदी अब से कुछ देर बाद अपने मंत्रिमंडल का विस्तार करने वाले हैं। ऐसे में यह कयास लगाए जा रहे हैं कि महाराष्ट्र से राज्यसभा सांसद व पूर्व मुख्यमंत्री नारायण राणे को कैबिनेट में शामिल किया जा सकता है। नारायण राणे ने अपने राजनीतिक जीवन की शुरुआत शिवसेना से की थी। कैबिनेट विस्तार के संबंध में चर्चा करने करने के लिए प्रधानमंत्री मोदी ने राणे को मंगलवार को दिल्ली भी बुलाया था। इसके बाद उनके केंद्रीय मंत्री बनने की संभावनाएं मजबूत हो गई है। ऐसी संभावना है कि नारायण राणे के अलावा ज्योतिरादित्य सिंधिया और असम के पूर्व मुख्यमंत्री सर्वानंद सोनोवाल को भी मंत्रिमंडल में शामिल किया जा सकता है।

महाराष्ट्र में सात महीने तक मुख्यमंत्री थे नारायण राणे

नारायण राणे को एक महत्वाकांक्षी नेता माना जाता है। शिवसेना प्रमुख बालासाहेब ठाकरे के समर्थन से मुख्यमंत्री संभालने वाले नारायण राणे की जब शिवसेना में अनदेखी होने लगी तो उन्होंने कांग्रेस का दामन थाम लिया था। कांग्रेस की हार व भाजपा की सत्ता वापसी के बाद फिर उन्होंने भारतीय जनता पार्टी से हाथ मिला लिया था। सिर्फ 7 महीने तक महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री रहे नारायण राणे का महाराष्ट्र में मजबूत जनाधार है।

1996 में बने थे सबसे पहले बार मंत्री

नारायण राणे 1996 में भाजपा-शिवसेना सरकार में पहली बार राजस्व मंत्री बने थे। इसके बाद मनोहर जोशी के मुख्यमंत्री पद से हटने के बाद नारायण राणे सात महीने के लिए मुख्यमंत्री बने थे। शिवसेना के कार्यकारी अध्यक्ष के तौर पर उद्धव ठाकरे के आगमन के साथ नारायण राणे की उनसे अनबन शुरू हो गई। नारायण राणे ने समय समय में उद्धव ठाकरे पर भी निशाना साधा और उनकी काबिलियत पर सवाल खड़े किए। आखिरकार उन्हें पार्टी से दरकिनार कर दिया गया तो उन्होंने शिवसेना छोड़कर 2005 में कांग्रेस ज्वाइन कर ली। बाद में विधानसभा चुनाव में नारायण राणे की जीत हुई और वे विधायक बने। कांग्रेस सरकार में राजस्व मंत्री भी बने।

राजनीति में आने से पहले चलाते थे चिकन की दुकान

नारायण राणे का जन्म 10 अप्रैल 1952 को एक सामान्य परिवार में हुआ था। युवावस्था में अपने करियर की शुरुआत उन्होंने चिकन की दुकान खोलकर की थी। नारायण राणे पर आपराधिक इतिहास होने के भी आरोप लगते रहे हैं। राणे पर आरोप है कि 60 के दशक में उत्तर-पूर्व के चेंबूर इलाके में सक्रिय हरया-नारया गैंग में शामिल हुए थे। लेकिन करियर के शुरुआती दिनों में ही मात्र 16 साल की उम्र में 1968 में शिवसेना से जुड़ गए। इसी के साथ राणे की लोकप्रियता बढ़ गई। शिवसेना प्रमुख बाला साहब ठाकरे ने राणे को चेंबूर में शिवसेना शाखा का प्रमुख बना दिया। 1985 से 1990 तक राणे शिवसेना के कारपोरेटर रहे और फिर 1990 में शिवसेना विधायक बने। साथ ही विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष का पद भी संभाल चुके हैं।

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