नगर पालिका को इस बार थ्री स्टार रैंकिंग के ऊपर की रैंकिंग के लिए दावा करने की बात कही जा रही है। इसमें पॉलिथीन एक बड़ी बाधा बनकर उभर सकती है। दरअसल सबसे अधिक मांग वाला कैरी बैग, डिस्पोजल कोरोना काल में लोगों की जीवन का बड़ा हिस्सा बन गया है, जो रोजाना शहर में गंदगी के रूप में निकलने वाले कचरे में शामिल हो रहा है। यह स्वच्छता सर्वेक्षण के दौरान नकारात्मक अंको का कारण बन सकता है।
जब से कोरोना संक्रमण का दौर शुरू हुआ तब से कैरी बैग और डिस्पोजल पर कार्यवाही तो दूर उल्टा उसका सहारा लेने शुरू कर दिया गया। नतीजा बाजार एवं चलन से बाहर होते-होते एक बार फिर पॉलिथीन लोगों के जीवन का मुख्य हिस्सा बन गई।
जब हमने नगरपालिका के जिम्मेदार अधिकारियों से चर्चा की तो उन्होंने बताया कि कोरोना के वजह से बीते 2 वर्ष से नहीं जबलपुर और बालाघाट स्तर पर नियमित और कोई बड़ी कार्यवाही नहीं की गई।
इस विषय पर जब हमने आंकड़े जुटाने की कोशिश की तो नगरपालिका कार्यालय से जानकारी मिली की पॉलिथीन कार्यवाही के प्रभारी अस्वस्थ है और बीते कई दिनों से छुट्टी पर है वही उनके स्थान पर प्रभार देख रहे जिम्मेदार कर्मचारी द्वारा यही जानकारी दी गई कि वर्तमान समय में पॉलिथीन पर कोई बड़ी कार्यवाही नहीं की गई है।
निश्चित ही कोविड के दौरान संक्रमित मरीजों को खाना पहुंचाने से लेकर अन्य सामग्री वितरण और घर तक समान लाने के दौरान लोगों द्वारा पॉलिथीन का उपयोग किया गया। इस दौरान इसे सबसे सुरक्षित भी माना गया। जो लोगों की दिनचर्या और जीवन का हिस्सा बन गया। शायद कोविड का प्रभाव कम होने के बाद पॉलिथीन के उपयोग पर कढ़ाई बढ़ती जाती तो दोबारा पॉलिथीन से लोगों को तौबा कर लेते। लेकिन ऐसा सब कुछ हुआ नहीं, इसलिए अब पॉलिथीन पहले की तरह जीवन का हिस्सा फिर से अहम हिस्सा बन गई।