अमेरिकी मोटर कंपनी फोर्ड भारत में अपना कारोबार बंद कर रही है। फोर्ड भारत के मार्केट में दाम और फीचर के बीच संतुलन बिठाने में नाकाम रही है। इसी वजह से 20 साल बाद कंपनी को यहां अपना कारोबार बंद करना पड़ रहा है। हालांकि कंपनी की फिगो ऑटोमैटिक कार अगले महीने लॉन्च हो सकती है, लेकिन इस सेगमेंट में पहले से ही हुंडई i20, मारुति सुजुकी, बलेनो और फॉक्सवैगन पोलो जैसी कार मौजूद हैं। ऐसे में इस कार का लोकप्रियता भी कुछ खास नहीं होगी।
फोर्ड इंडिया ने पिछले कुछ समय में EcoSport और Endeavour जैसे एसयूवी कार लॉन्च की है, लेकिन बाकी सभी कंपनियां इससे काफी ज्यादा मॉडल लॉन्च कर रही हैं और ग्राहकों को ये मॉडल पसंद भी आ रहे हैं। इस बीच कंपनी ने यह साफ कर दिया है कि वह भारत में अपना कारोबार बंद करेगी। इसके बाद सवाल उठ रहे हैं कि ऐसे में फोर्ड के कर्मचारियों और ग्राहकों का क्या होगा। यहां हम इन्हीं सवालों के जवाब दे रहे हैं।
भारत में कारोबार क्यों बंद कर रही है फोर्ड
फोर्ड को भारत के बिजनेस में लगातार घाटा हो रहा है। कंपनी को भारत में 10 साल में करीब 200 करोड़ अमेरिकी डॉलर (15 हजार करोड़ रुपये) का घाटा हुआ है। इस वजह से कंपनी भारत में अपना प्लांट बंद करने जा रही है। फोर्ड एक साल में अपना बोरिया -बिस्तर यहां से समेट लेगी। फोर्ड ने भारत में चेन्नई और साणंद में 200 करोड़ डॉलर से अधिक का निवेश किया था। 350 एकड़ के चेन्नई प्लांट में सालाना 2 लाख कार बनाई जा सकती हैं। इसके अलावा 3.40 लाख इंजन भी हर साल इन्हीं प्लांट में बनाए जाते हैं। जबकि साणंद संयंत्र 460 एकड़ में फैला है और यहां सालाना 240,000 गाड़ियों के साथ 270,000 इंजन बनाए जा सकते हैं।
अब फोर्ड के ग्राहकों का क्या होगा?
फोर्ड भारत में अपने प्लांट जरूर बंद कर रही है पर इसके ग्राहकों को चिंता करने की कोई जरूरत नहीं है। फोर्ड मोटर्स आयात के जरिये अपनी कुछ कारें यहां बेचना जारी रखेगी। इसके अलावा कंपनी के डीलर यहां मौजूद रहेंगे ताकि ग्राहकों को सेवाएं दी जा सकें। फोर्ड अपने प्लांट में इंजन मैन्युफैक्चरिंग यूनिट को चालू रख सकती है। इन इंजन को दूसरे देशों में निर्यात किया जाएगा। साथ ही सप्लाई चेन बरकार रहें इसके लिए भी फोर्ड एक छोटा नेटवर्क बनाए रखेगी।
कर्मचारियों का क्या होगा?
भारत में फोर्ड के करीब 4000 कर्मचारी है। कंपनी का कारोबार बंद होने पर इनकी नौकरी को खतरा है। हालांकि कंपनी की ओर से जारी बयान में कहा गया है कि चेन्नई और साणंद में कर्मचारियों, यूनियनों, आपूर्तिकर्ताओं, डीलरों, सरकार और अन्य हितधारकों के साथ कंपनी मिलकर काम करेगी। कंपनी पूरी कोशिश करेगी कि इस फैसले से कम से कम लोगों पर असर हो।
20 साल पहले भारत आई थी फोर्ड
साल 1990 में फोर्ड कंपनी ने भारत में अपना कारोबार शुरू किया था, लेकिन पिछले 10 सालों से कंपनी को लगातार नुकसान हुआ है, जिसके बाद वह भारत में अपना कारोबार बंद कर रही है। भारतीय ऑटो बाजार में फोर्ड की हिस्सेदारी 1.57 फीसदी है और इस लिस्ट में कंपनी 9वें नंबर हैष जबकि मारुति टॉप पर है। भारत में फोर्ड की Figo, Aspire, Freestyle, EcoSport, Endeavour उपलब्ध हैं, जिनकी कीमत 7.75 लाख से 33.81 लाख रुपये के बीच है।