देश के लिए सीमा पर लड़ने वाले सेना और बीएसएफ के जवानों ने भी फीनिक्स इंफ्रा और टीडीएस इंफ्रा कंपनी की नेचुरल वैली टाउनशिप में भूखंड खरीदा, लेकिन भूमाफिया ने उन्हें भी धोखा दिया। किस्तों में लाखों रुपये जमा कराने के बावजूद जवानों को भूखंड की रजिस्ट्री नहीं की गई है। ताज्जुब की बात है कि सात साल से कालोनाइजर और बिल्डर कंपनियों के खिलाफ पीड़ित लोग प्रशासन और पुलिस के अधिकारियों से लेकर सीएम हेल्पलाइन तक शिकायतें कर रहे हैं, लेकिन आज तक उनको हक नहीं मिल पाया है। बेटमा खुर्द में इन कंपनियों ने नेचुरल वैली नाम से टाउनशिप का सपना दिखाकर सैकड़ों नौकरीपेशा और गरीब लोगों को प्लाट बेचे। यह प्लाट किस्तों में बेचे गए।
पीड़ित लोगों की शिकायतों पर पुलिस की एसआइटी लंबे समय से नेचुरल वैली की जांच कर रही है, लेकिन अब तक इसका कोई नतीजा नहीं निकला है। दूसरी तरफ प्रशासन इस मामले में कुछ भी करने को तैयार नहीं दिखता। बताया जाता है कि इस टाउनशिप में सेना, बीएसएफ और पुलिस के सिपाहियों के अलावा अन्य विभागों में नौकरी करने वाले कर्मचारी और निजी कंपनियों में कार्यरत कर्मचारी भी शामिल हैं। पीड़ित विट्ठल गर्ग ने बताया कि नेचुरल वैली में मैंने भूखंड के लिए 2011 से 1.71 लाख रुपये की किस्त जमा करनी शुरू की। अब तक 33 लाख रुपये जमा कर चुका हूं। आज तक प्लाट के लिए परेशान हूं।










































