केरल के कोच्चि के पास स्थित मराडू के रहने वाले ऑटो ड्राइवर जयपानल ने 12 करोड़ रुपए की लॉटरी जीती है। जयपानल ने एक फैंसी लॉटरी खरीदी थी। और ओणम के अगले दिन इस लॉटरी के नतीजे घोषित किए गए थे। अक्सर इस तरह की खबरें देश के कुछ राज्यों से आती रहती है, कि एक व्यक्ति ने लॉटरी में बड़ा ईनाम जीता है। लेकिन क्या आपको पता है कि देश का हर व्यक्ति अपने राज्य में लॉटरी का दांव नहीं खेल सकता है। क्योंकि देश में केवल 10 राज्य हैं, जहां पर लॉटरी खरीदी जा सकती है। आइए जानते हैं, इसकी क्या वजह है…
इन नियमों से रेग्युलेट होता है लॉटरी का बिजनेस
भारत में 1998 के केंद्रीय कानून के अनुसार लॉटरी को रेग्युलेट किया जाता है। पहली बार 1998 में यह कानून लाया गया कि कोई भी राज्य सिंगल डिजिट वाली लॉटरी नहीं इस्तेमाल करेगा। साथ ही राज्यों को अधिकार दिया गया कि वह अपनी आधिकारिक लॉटरी चला सकते हैं। इसके अलावा राज्य सरकारें लॉटरी के टिकट पर इस तरह अपना Logo लगाएंगी जिससे उसकी वैधता साबित हो सके। इसी तरह राज्य सरकारें या तो टिकट खुद बेचेगी या फिर रजिस्टर किए हुए डिस्ट्रीब्यूटर और एजेंट्स इसे बेच सकेंगे। लॉटरी के टिकटों की बिक्री से होने वाला पैसा राज्य के पब्लिक अकाउंट में क्रेडिट किया जाएगा। सभी लॉटरियों के ड्रॉ राज्य सरकार ही कराएंगी।
राज्य सभा में 2015 में पेश किए गए आंकड़ों के अनुसार उस वक्त देश में 500 अरब रुपये का पेपर लॉटरी बिजनेस था और देश में करीब 2 करोड़ लोग हर रोज लॉटरी खरीदते थे।
सुप्रीम कोर्ट का फैसला भी अहम
2015 के अपने फैसले में सुप्रीम कोर्ट ने कहा है कि लॉटरी पर प्रतिबंध लगाना है या नहीं, ये राज्य सरकारें खुद तय कर सकती हैं। राज्यों के पास अपने भौगोलिक क्षेत्र में लॉटरी को नियंत्रित करने का अधिकार है। 1998 के कानून के अनुच्छेद 5 के तहत एक राज्य अपने राज्य के दायरे में अन्य राज्यों की लॉटरी को भी प्रतिबंधित कर सकता है।
इन राज्यों में लॉटरी कारोबार को मंजूरी
3 जुलाई 2019 को राज्य सभा में एक सवाल के जवाब में नित्यानंद राय ने बताया था कि सरकार की देशभर में लॉटरी पर प्रतिबंध लगाने की कोई योजना नहीं है। उनके अनुसार उस समय असम, अरुणाचल प्रदेश, गोवा, केरल, महाराष्ट्र, मिजोरम, नागालैंड, पंजाब, सिक्किम और पश्चिम बंगाल में लॉटरी चलाई जाती है। इसके अलावा सभी केंद्रशासित प्रदेशों और दूसरे राज्यों में लॉटरी प्रतिबंधित है।
ऑनलाइन लॉटरी क्या अवैध है
कई वेबसाइट्स हैं जो अंतरराष्ट्रीय लॉटरी खेलने का मौका देती। लेकिन ये सभी साइट्स वैध हों, इसकी गारंटी नहीं दी जा सकती है। कई बार इनको लेकर फ्रॉड के मामले भी सामने आए हैं। कई वैध अंतरराष्ट्रीय ऑनलाइन लॉटरी वेबसाइट्स ये ऑप्शन देती हैं कि लोग एजेंट्स के जरिए टिकट खरीदें। 5 फरवरी 2020 को राज्य सभा में गृह राज्य मंत्री नित्यानंद राय द्वारा दिए जवाब के अनुसार देश में इस समय लॉटरी रेग्युलेशन नियम 2010 में संशोधन पर विचार किया जा रहा है और उसके तहत ऑनलाइन लॉटरी के रेग्युलेशन पर भी नियम बनाए जाएंगे।
30 फीसदी देना पड़ता है टैक्स
केरल के पी जय कुमारन की भले ही 12 करोड़ रुपये की लॉटरी लगी है। लेकिन उन्हें पूरी रकम नहीं लगेगी। उन्हें करीब 3.60 करोड़ रुपये टैक्स चुकाने होंगे। असल में लॉटरी से जीती गई रकम को स्पेशल इनकम माना जाता है और वह 30 फीसदी इनकम टैक्स के दायरे में आती है। टैक्स की देनदारी किसी भी माध्यम से लॉटरी जीतने पर बनती है।










































