पेट्रोल-डीजल के भाव में हो रही वृद्धि और नाम मात्र की कमी को लेकर अशोक गहलोत ने केंद्र सरकार पर राज्यों को कमजोर करने का आरोप लगाया है। मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने जोधपुर में पत्रकारों से मुखातिब होते हुए कहा कि आजादी के बाद पेट्रोल डीजल के भाव एक तरह का तमाशा बन गए हैं। केंद्र सरकार ने पिछले कुछ समय में 25 बार से अधिक पेट्रोल डीजल के दामों के साथ खेल खेला है, जिससे राज्यों की आर्थिक स्थिति भी गड़बड़ हुई है। केंद्र सरकार पर राज्यों को कमजोर करने का आरोप मढ़ते हुए गहलोत ने कहा कि केंद्र की नीति राज्यों को मजबूत बनाने की होनी चाहिए ,लेकिन अफसोस केंद्र सरकार लगातार राज्यों के साथ खिलवाड़ पर तुली है।
VAT के संबंध में बात करते हुए मुख्यमंत्री गहलोत ने कहा कि केंद्र के VAT कम करते ही हमारा हिस्सा भी कम हो गया। केंद्र में एक्साइज ड्यूटी घटाकर एडिशनल एक्साइज ड्यूटी वापस लगा दिया। एडिशनल एक्साइज ड्यूटी में राज्य का हिस्सा नहीं है, ऐसे ही कारणों से राज्य मजबूत नहीं हो पा रहे हैं। हाल ही में केंद्र के द्वारा कम किए गए दामों पर बोलते हुए गहलोत ने कहा कि इससे हमें अट्ठारह सौ करोड़ रुपए का नुकसान हो रहा है अगर केंद्र और वैट कम करता है तो हमें 35 सौ करोड़ का नुकसान होगा। यह स्थिति करीब करीब सभी राज्यों की है। ऐसे में केंद्र की नीति राज्यों को मजबूत बनाने की होनी चाहिए। हालांकि मुख्यमंत्री गहलोत पड़ोसी राज्य पंजाब के पेट्रोल और डीजल के दामों में की गई कमी के सवाल को राजस्थान के संदर्भ में टाल गए।
2000 के नोट का क्या औचित्य
केंद्र की नीतियों पर सवाल उठाते हुए अशोक गहलोत ने कहा कि भ्रष्टाचार और काले धन को रोकने के लिए प्रधानमंत्री ने नोटबंदी की थी लेकिन नोटबंदी के नाम से 2000 का बड़ा नोट बाजार में उतारा गया ऐसे में क्या काला धन और ब्लैक मनी पर कंट्रोल हो पाया यह किसी से छुपा नहीं है। उन्होंने कहा कि देश और राज्य के बीच सद्भावना का माहौल कहीं नजर नहीं आता।