बालाघाट जिले के जंगल में आपसी संघर्ष में बाघ की मौत

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जिले में एक माह के भीतर दो बाघ की मौत हो चुकी है।बालाघाट वन परिक्षेत्र के रट्टा के बाद सोनेवानी-चिखलाबड्डी में बाघ की मौत हुई है।लालबर्रा वन परिक्षेत्र अंतर्गत सोनेवानी-चिखलाबड्डी मार्ग पर चिखलाबड्डी बीट के कक्ष क्रमांक 430 में रविवार को अवयस्क बाघ मृत अवस्था में मिला।बाघ के मरने की वजह आपसी संघर्ष बताई जा रही है।

मृत बाघ के शरीर में हिंसक वन्य प्राणी से संघर्ष के दौरान चोटिल होने के निशान हैं।सभी अंग माैजूद मिले हैं,जिससे जिम्मेदार शिकार की आशंका से इंकार कर रहे हैं। लालबर्रा वन परिक्षेत्र अधिकारी नितिन पवार ने बताया कि रविवार को वन विभाग को सूचना मिली थी,सोनेवाली चिखलाबड्डी मार्ग पर एक बाघ मृत पड़ा है।सूचना मिलने पर मौके पर पहुंचकर वन विभाग की टीम ने पंचनामा कार्रवाई कर नियम अनुसार पीएम कराकर बाघ अंतिम संस्कार कर दिया।

एक माह में दूसरी घटना

रट्टा में करंट से बाघ के शिकार के बाद आपसी संघर्ष में बाघ की मौत एक नया मामला सामने आने से जिले के जंगल में अब तक दो बाघों की मौत दर्ज हो चुकी है।

फोकस पाइंट

-रविवार को सुबह सोनेवानी-चिखलाबड्डी के जंगल में मृत दिखा बाघ।

-मृत बाघ की उम्र करीब 18 माह बताई जा रही है।

-मौत की वजह आपसी संघर्ष है।

-मृत बाघ का शव 12 घंटे के भीतर का बताया जा रहा है।

– पंच पार्क के डाक्टर व दो स्थानीय डाक्टरों ने किया पीएम।

इनका कहना

सोनेवानी-चिखलाबड्डी के जंगल में एक अवयस्क बाघ मृत मिला है।उसकी मौत की वजह आपसी संघर्ष है।उसके शरीर पर हिंसक वन्य प्राणी से सघर्ष के दौरान आए चोट के निशान दिख रहे हैं।इसकी चलते उसकी मौत हुई है।विवेचना की मंशा से उसका पीएम कराया गया है।बाघ का नियम अनुसार अंतिम संस्कार कर दिया गया है।

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