शादी के सात दिन बाद ही उजाड़ गया परिवार

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यमुना एक्सप्रेस-वे पर शनिवार को हुए भीषण सड़क हादसे में एक ही परिवार के सात सदस्यों की मौत हो गई। मृतकों में शामिल राजेश और नंदिनी ने कभी सोचा भी नहीं होगा कि सात दिन पहले सात फेरे लेकर सात जन्मों तक साथ निभाने की कसमें सात दिन में ही टूट जाएंगी। मूलरूप से हरदोई जिले के गांव सुंदरपुर टीकरा निवासी लल्लू गौतम अपने चौथे नंबर के बेटे राजेश की शादी करने परिवार संग गांव गए थे। वह नोएडा के सेक्टर-93 में रहते थे। 29 अप्रैल को बेटे राजेश की बारात लेकर छोटी लाइन, गांधीनगर, देवा रोड, बाराबंकी गए। राजेश ने दुल्हन नंदिनी से सात फेरे लेते समय सात जन्मों तक साथ निभाने का वचन लिया। धूमधाम से शादी के बाद दुल्हन को लेकर गांव आ गए। इसके बाद दो मई को अपनी नातिन मोहिनी की शादी की। नातिन के घर आने व बहू के ससुराल से आने के बाद लल्लू गौतम शुक्रवार रात 11 बजे गांव से पत्नी, तीन बेटों, दो बहू, दो नातियों के साथ वैगनआर कार से नोएडा के लिए चले थे, लेकिन बीच रास्ते हादसा हो गया और इसमें नवविवाहित जोड़े के साथ परिवार के पांच लोगों की भी मौत हो गई। लल्लू की पत्नी छुटकी की पहली शादी उनके बड़े भाई राम खिलावन से हुई थी, लेकिन राम के लापता होने पर परिजनों ने लल्लू से उसकी शादी कर दी। इससे लल्लू को बेटी सुनीता व पांच बेटे हुए, वहीं बड़े भाई के बेटे रामकरन को भी लल्लू ने ही पाला। रामबाबू की साली के साथ हुई राजेश की शादी पोस्टमॉर्टम गृह पर रामबाबू की पत्नी आरती के आंसू थमने का नाम नहीं ले रहे थे। बहन सुनीता भी बुरी तरह से बिलखती रही। आरती ने बताया कि उसकी छोटी बहन नंदनी की 29 अप्रैल को देवर राजेश के साथ शादी हुई थी।

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