ज्योतिर्लिंग महाकाल मंदिर में श्रावण मास के दौरान संध्या आरती के समय भगवान महाकाल के भांग श्रृंगार की बुकिंग अब मंदिर समिति करेगी। इसके लिए प्रशासक गणेश कुमार धाकड़ ने पांच सदस्यीय समिति गठित की है। बता दें कि अब तक पुजारी श्रावण मास के एक महीने पहले ही अपने यजमानों की बुकिंग करा लेते थे।
श्रावण मास में देशभर के श्रद्धालु भगवान महाकाल का भांग श्रृंगार करवाने के लिए लालायित रहते हैं। अब तक मंदिर के पुजारी, पुरोहितों द्वारा अपने यजमानों की ओर से श्रावण मास के एक माह पहले ही रसीद कटवा लेते थे। बताया जाता है कि इस व्यवस्था से कुछ पुजारी, पुरोहित असंतुष्ट थे।
उन्होंने मंदिर प्रशासक से 16 पुजारी व 21 पुरोहितों के यजमानों को समान रूप से भगवान के भांग श्रृंगार का लाभ दिलवाने का अनुरोध किया। इसके बाद प्रशासक ने समिति सदस्य पुजारी प्रदीप गुरु, पुजारी राम शर्मा, राजेंद्र शर्मा, पुजारियान समिति अध्यक्ष व पुरोहित समिति अध्यक्ष की पांच सदस्यीय समिति गठित कर दी। यह समिति पुजारी, पुरोहितों के यजमानों को एक माह के लिए समान रूप से श्रृंगार की अनुमति प्रदान करेगी
1100 की रसीद पर होती है बुकिंग
भगवान महाकाल का भांग श्रृंगार कराने के लिए श्रद्धालुओं को मंदिर प्रबंध समिति द्वारा निर्धारित 1100 रुपये की रसीद कटवाना अनिवार्य है। दर्शनार्थी अपने पुजारी अथवा पुरोहित के माध्यम से रसीद कटवा सकते हैं। इसके बाद श्रृंगार के लिए भांग, सूखे मेवे, भगवान के वस्त्र, हार फूल आदि का खर्च अलग देना होता है।
श्रृंगार में साढ़े तीन किलो भाग का उपयोग
भगवान महाकाल के श्रृंगार में पहले पांच से सात किलो भांग का उपयोग होता था, लेकिन ज्योतिर्लिंग क्षरण को रोकने के लिए सुप्रीम कोर्ट द्वारा गठित एक्सपर्ट कमेटी ने पूजन, पंचामृत आदि की मात्रा को सीमित रखने का सुझाव दिया था। इसके बाद अब समिति ने भाग श्रृंगार के लिए साढ़े तीन किलो भांग की मात्रा निर्धारित कर दी है।