उम्र संबंधी मुद्दों का सामना कर रही ‎सिंगापुर की 30 लाख आबादी: सीईओ

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Morning commuters walk along a street in Tokyo, Japan, on Tuesday, July 9, 2019. Japan痴 wages dropped for a fifth month, according to Japan's Ministry of Health, Labour and Welfare, adding to concerns over the resilience of consumer spending as a sales tax increase approaches in October. Photographer: Kiyoshi Ota/Bloomberg

एक प्रमुख परोपकार संस्था श्री नारायण मिशन के प्रमुख ने कहा ‎कि सिंगापुर की 39 लाख की आबादी उम्र संबंधी मुद्दों का सामना कर रही है, जिनमें से लगभग नौ प्रतिशत भारतीय मूल के हैं। उन्होंने कहा है कि देश के वरिष्ठ नागरिकों की सहायता के लिए सामुदायिक सेवा पहले से कहीं अधिक जरूरी है। 74 साल से परोपकार सेवा में शामिल श्री नारायण मिशन (सिंगापुर-एसएनएम) के मुख्य कार्यकारी अधिकारी (सीईओ) एस. देवेंद्रन ने कहा कि एसएनएम सिंगापुर में वरिष्ठ नागरिकों के जीवन को प्रभावित करने वाले मुद्दों को हल करना चाहता हैि 60 वर्षीय देवेंद्रन ने कहा के 2023 में हम सिंगापुर में एसएनएम की 75वीं वर्षगांठ मनाएंगे, सभी को समान रूप से सामाजिक सेवाएं प्रदान करेंगे, चाहे वे चीनी हों, भारतीय हों या अन्य जाति और धर्मों के हों। हम कम वंचितों के जीवन में बदलाव लाने की कोशिश कर रहे हैं।
एसएनएम को जून 1948 में 109 सामुदायिक संगठनों में से एक के रूप में पंजीकृत किया गया था। यह 224 बिस्तरों वाला नर्सिंग होम, 200 बिस्तरों वाला मनोरोग केंद्र, बुजुर्गों के लिए दो ‘डे केयर सेंटर’ और एक देखभाल केंद्र संचालित करता है। एसएनएम कई सामुदायिक कार्यक्रम संचालित करता है। उन्होंने प्रस्ताव दिया कि अन्य भारतीय संगठनों को संसाधनों को एकत्रित करने के तरीकों पर गौर करना चाहिए और डेकेयर सेंटर में बुजुर्गों और डिमेंशिया से पीड़ित लोगों की मदद करनी चाहिए और समाज की मुख्यधारा में शामिल करने के लिए उनका पुनर्वास करना चाहिए। उन्होंने कहा ‎कि हमें इस बात पर गहराई से विचार करने की जरूरत है कि हमारा भारतीय समुदाय उम्र बढ़ने के प्रबंधन में और इन खाइयों को पाटने में सरकार की कैसे मदद कर सकता है।

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