अडाणी को एनडीटीवी में ‎हिस्सेदारी हासिल करने आयकर ‎विभाग की मंजूरी जरूरी नहीं: समूह

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अडाणी समूह का कहना है कि एनडीटीवी में हिस्सेदारी प्राप्त करने के लिए आयकर ‎विभाग की मंजूरी जरूरी नहीं है। इस संबंध में अडाणी समूह ने एक बयान जारी किया और कर विशेषज्ञों ने इस बात का समर्थन भी किया है। अडाणी समूह ने बीते दिनों फर्म वीसीपीएल का अधिग्रहण किया, जिसने एक दशक से अधिक समय पहले एनडीटीवी के संस्थापकों को वारंट के बदले में 403 करोड़ रुपए से अधिक का ऋण दिया था। कर्ज न चुकाने की सूरत में वीसीपीएल को समाचार समूह में 29.18 प्रतिशत हिस्सेदारी हासिल करने की अनुमति मिली थी। अडाणी ने वीसीपीएल के इस अधिकार का प्रयोग किया है, लेकिन एनडीटीवी का कहना है कि इस तरह के अधिग्रहण पर आयकर अधिकारियों ने रोक लगा दी है। अडाणी समूह ने कहा कि विश्वप्रधान कमर्शियल प्राइवेट लिमिटेड (वीसीपीएल) ने बताया कि आयकर विभाग के आदेश केवल एनडीटीवी में आरआरआरपी होल्डिंग प्राइवेट लिमिटेड (एनडीटीवी के एक प्रवर्तक) के शेयरों पर लागू होते हैं और इससे वीसीपीएल को इक्विटी शेयरों का आवंटन प्रतिबंधित नहीं होता है। समूह ने वीसीपीएल से मिले जवाब का हवाला देते हुए कहा कि आयकर विभाग के आदेश केवल आरआरपीआर के खिलाफ जारी किए गए हैं और ऐसा उक्त एनडीटीवी शेयरों पर आरआरपीआर के निरंतर स्वामित्व को सुरक्षित करने के लिए किया गया। आयकर विभाग के आदेश व्यक्तिगत रूप से प्रणय रॉय और राधिका रॉय के खिलाफ जारी नहीं किए गए हैं। इस मुद्दे पर कर विशेषज्ञों ने भी अडाणी समूह का समर्थन किया है।

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