वारासिवनी थाने में पूर्व में दर्ज रेलवे व फॉरेस्ट की नौकरी लगाने और फर्जी प्रमाण पत्र देकर जॉइनिंग कराने की एवज में रुपए लेकर धोखाधड़ी करने के मामले में पुलिस ने चौथे आरोपी आनंद पिता रतन लाल गोंडाने को गिरफ्तार कर 12 सितंबर को न्यायालय के समक्ष पेश किया। प्राप्त जानकारी के अनुसार वर्ष 2021 में प्रार्थी प्रह्लाद पारधी निवासी चंदोरी वार्ड नं 8 वारासिवनी के द्वारा वारासिवनी थाने में शिकायत देकर एफआईआर दर्ज कराई गई थी कि उसको वारासिवनी निवासी जगदीश खरे ने कमलेश रंगारे और मिलिंद रंगारे के साथ मिलकर सरकारी नौकरी रेलवे व फारेस्ट विभाग में लगाने का झांसा देकर लाखों रुपए लिये है। वही फर्जी प्रमाण पत्र देकर विभाग में जॉइनिंग करने का है वह प्रमाण पत्र पूरी तरह फर्जी था। इस प्रकार से उक्त तीनों के द्वारा मिलकर ठगी की घटना की गई जिसमें पुलिस के द्वारा वारासिवनी निवासी जगदीश खरे लालबर्रा पांडवानी निवासी मिलिंद रंगारे और लालबर्रा बघोली निवासी कमलेश रंगारे के खिलाफ भादवि की धारा 420 468 471 और 120 बी के तहत अपराध पंजीबद्ध कर गिरफ्तारी की गई थी। जिसमें कमलेश पिता कैलाश रंगारे उम्र 38 वर्ष निवासी लालबर्रा बघौली फरार चल रहा था जिसे 1 सितंबर को पुलिस ने गिरफ्तार कर पुलिस रिमांड पर लेकर पूछताछ की गई। जिसके द्वारा भंडारा महाराष्ट्र निवासी आनंद पिता रतनलाल गोंडाने का नाम बताया गया था जिसके बाद कमलेश को न्यायालय के माध्यम से जेल भेज दिया गया तत्पश्चात आनंद गोंडाने की सरगर्मी से पुलिस के द्वारा पतासाजी की जा रही थी परंतु कहीं पता नहीं चला। जिसे पुलिस ने मुखबिर सूचना पर गिरफ्तार कर वारासिवनी न्यायालय के समक्ष पेश किया। जहां पुलिस के द्वारा उसे ज्यूडिशियल रिमांड मांगी गई जिस पर न्यायालय ने आनंद पिता रतनलाल गोंडाने उम्र 50 वर्ष निवासी भंडार महाराष्ट्र को जेल भेज दिया। उक्त विषय पर पुलिस के द्वारा लगातार सरगर्मी से जांच की जा रही है और इनके द्वारा की गई पूछताछ में मिलने वाले तथ्य पर कार्यवाही को आगे बढ़ा रही है अब आगे देखना है कि उक्त कार्यवाही के और कितने अध्याय खुलते हैं।