पीएफआई बैन पर 85 प्रतिशत मुस्लिम आबादी खुश

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पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया यानी पीएफआई पर प्रतिबंध का पसमांदा मुसलमान महाज ने स्वागत किया है। हालांकि, कई अन्य मुस्लिम संगठनों की तरफ से भी केंद्र सरकार के इस फैसला का स्वागत किया गया है। खास बात है कि पसमांदा मुसलमान समुदाय को लेकर भारतीय जनता पार्टी खासी सक्रिय नजर आ रही है। खबरें हैं कि पार्टी अपना वोटर बेस बढ़ाने के लिए पसमांदा की ओर ध्यान लगा रहे हैं। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भी इसका जिक्र कर चुके हैं। ऑल इंडिया पसमांदा मुस्लिम महाज की तरफ से जारी बयान के अनुसार, ‘देश में भारतीय संविधान के विरुद्ध एवं असामाजिक गतिविधियों में लिप्त तथाकथित सामाजिक संगठन पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया के विरुद्ध भारत सरकार की सुरक्षा एजेंसी एनआईए द्वारा लगातार की जा रही छापेमारी से जो तथ्य सामने आए हैं, उससे यह जगजाहिर हो गया है कि संगठन देश के भीतर सामाजिक सौहार्द एवं भाईचारे के विरुद्ध तो काम कार्य कर ही रहा है। भारतीय संप्रभुता को भी चेतावनी देते हुए देश विरुद्ध कार्य में लिप्त है। संगठन ने कहा, ‘पीएफआई के अतिरिक्त अन्य सामाजिक संगठन जो अपने आप को देशहित की दुहाई दे रहे, उनहें भी देश की अखंडता एवं संप्रभुता के विरुद्ध कार्य करने की अनुमति नहीं दी जानी चाहिए। फारसी शब्द ‘पसमांदा’ का मतलब ‘पीछे छूटे हुए’ है। इका इस्तेमाल मुसलमानों में पिछड़े वर्ग के लिए किया जाता है। आंकड़े बताते हैं कि भारत की कुल मुस्लिम आबादी का ये 85 प्रतिशत हैं। मुखर नहीं रहने और मजबूत नेतृत्व के अभाव में राजनीतिक दलों की तरफ से इन्हें काफी नजरअंदाज किया गया। हालांकि, भाजपा अब स्थिति बदलती नजर आ रही है। 2 और 3 जुलाई को हैदराबाद में हुई राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक में पीएम मोदी ने भाजपा नेताओं को इस समुदाय के प्रति स्नेह बढ़ाने के लिए कहा था। मीडिया रिपोर्ट्स के मुातबिक, पसमांदा मुस्लिम सोसाइटी के अध्यक्ष अनीस मंसूरी पीएम मोदी की तरफ से उठाए गए मुद्दे को लेकर खुश हैं और आरोप लगा रहे हैं कि समाजवादी पार्टी और बहुजन समाज पार्टी ने मुसलमानों के हाशिए पर रहने वाले वर्ग को देखने में असफल रहने के आरोप लगाए हैं।

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