किशोरों में गेमिंग की लत अवसाद और आक्रामकता का कारण बन सकती है यह खुलासा विक्टोरिया के एक जांचकर्ता ने शोध के बाद बताई है। जांचकर्ता ने गेमिंग की आदत को मूड डिसऑर्डर की वजह बताई। उन्होंने गेमिंग को क्षेत्रीय स्कूल के लड़के ओलिवर क्रोनिन की 2019 में हुई मृत्यु के लिए जिम्मेदार ठहराया है। जांचकर्ता पारेसा स्पैनोस की जांच के निष्कर्ष बुधवार को जारी किए गए। स्पैनोस ने रिपोर्ट में लिखा-अपनी मृत्यु से पहले के 12 महीनों में ओलिवर वीडियो गेमिंग के प्रति जुनूनी या इसका बहुत अधिक आदी हो गया था। वह कई बार गुस्सैल और आक्रामक हो जाता था। माता-पिता ने उसके इस व्यवहार को नियंत्रित करने के लिए गेमिंग को रोकने की कोशिश की, लेकिन इससे ओलिवर का व्यवहार और बिगड़ गया। वह अपने माता-पिता से गाली-गलौच से लेकर हाथापाई तक करने लगा। अपनी मृत्यु से कुछ हफ्ते पहले ओलिवर ने अन्य छात्रों के साथ भी मारपीट की, जिसकी वजह से उसे दो बार छोटी अवधि के लिए स्कूल से निलंबित किया गया।
स्पैनोस ने पाया कि ओलिवर को विश्व स्वास्थ्य संगठन द्वारा परिभाषित ‘गेमिंग डिसऑर्डर’ था। हालांकि, उसके जीवित रहते इसका निदान नहीं किया गया था। इस डिसऑर्डर का डब्ल्यूएचओ का वर्गीकरण गेमिंग के प्रति व्यक्ति के रवैये पर आधारित है। गेमिंग पर खर्च किए जाने वाले समय पर नहीं। गेमिंग उस वक्त विकार बन जाता है, जब यह किसी व्यक्ति के रोजमर्रा काम में दखल देना शुरू कर देता है। हम जानते हैं कि दुनिया में दो अरब से अधिक लोग गेम खेलते हैं, लेकिन 1 फीसदी से भी कम को गेमिंग डिसऑर्डर से ग्रस्त माना जाता है। अक्सर बहस इस बात को लेकर की जाती है कि क्या गेमिंग में हिंसा वास्तविक जीवन में हिंसा का कारण बन सकती है। इस बात का फिलहाल किसी के पास कोई सबूत नहीं है। कुछ सह-संबंध है, लेकिन इन निष्कर्षों का मूल्यांकन बहुत सावधानी से किया जाना चाहिए।
रिपोर्ट के निष्कर्ष एक सबक हैं जो हम अभी भी पूरी तरह से नहीं समझ पाए हैं कि समस्याग्रस्त गेमिंग किसी व्यक्ति के जीवन में विभिन्न अन्य कारकों से कैसे जुड़ा है। इस मुद्दे को पूरी तरह समझने के लिए हमें अधिक संतुलित और गहन शोध की आवश्यकता होगी। हमारे पास ऐसे विशेषज्ञों की कमी है जो गेमिंग विकार को दूर करने में माहिर हैं। विश्व स्तर पर हमारे पास इस बात पर आम सहमति नहीं है कि समस्याग्रस्त गेमिंग को कैसे वर्गीकृत किया जा सकता है और क्या इसे एक विकार माना जाना चाहिए। ऑस्ट्रेलिया की प्राथमिक नैदानिक रोग गाइड में ‘गेमिंग डिसऑर्डर’ के लिए कोई विशिष्ट समाधान नहीं है।