सीहोर की बेटी बनी अग्निवीर; पहली बार में निकाली भर्ती:रोजाना 4 KM करती थी रनिंग, बाहर के खाने से पूरी तरह परहेज

0

सीहोर की एक 19 साल की छात्रा ने अपने बचपन का सपना पूरा कर लिया। युवती सीहोर की पहली अग्निवीर बन गई है। युवती का कहना है कि उसे बचपन से ही सेना में जाने का शौक था। इसलिए उसने इसके लिए खूब मेहनत भी की। और सीहोर की पहली अग्निवीर बनकर मां-बाप का नाम और जिले का नाम रोशन किया।

दैनिक भास्कर की टीम अग्निवीर ईशा कुशवाहा के घर गई। हमने ईशा के जज्बे की कहानी सुनी। ईशा ने हमें जो बताया वह आप भी पढ़िए…

ईशा ने बताया कि मैं शासकीय चंद्रशेखर आजाद महाविद्यालय से बीएससी कर रही हूं। थर्ड ईयर में हूं। बचपन में एक बार बॉर्डर देखी थी। तब से ही जुनून हो गया था कि मुझे भी फौज में शामिल होना है। मैंने इसके लिए खूब तैयारी भी की। कॉलेज में एनसीसी थी। मैंने एनसीसी ज्वाइन की। हमें वहां कैंप में भेजते थे। आर्मी की ट्रेनिंग मिलती थी। मुझे ट्रेनिंग करने में मजा आता था।

कोरोना में रनिंग करने में दिक्कत आती थी

फौज में जाने के लिए कड़ी मेहनत चाहिए थी। इसलिए मैं रोजाना सुबह 5 बजे उठती थी और कॉलेज ग्राउंड के 8 से 10 राउंड लगाती थी। मैं एनसीसी के कैंप में भी गई। वहां भी फिजिकल ट्रेनिंग होती थी। सुबह रनिंग करके घर आकर तुरंत कॉलेज जाती थी। वहां से आकर एग्जाम की तैयारी करती थी। कोरोना काल के कुछ समय रनिंग के लिए नहीं जा पाती थी। लेकिन मैं घर में रहकर उस वक्त एग्जाम की तैयारी करती थी। जैसे ही लॉकडाउन के बाद छूट मिली, मैं दोबारा रनिंग करने लगी।

समय बीतता गया। कुछ महीने बाद पता चला कि भारतीय सेना में अग्निवीर योजना लागू की गई है। हमारे यहां कई लोगों ने इसका विरोध किया। लेकिन मैं तैयारी में ही लगी रही। कुछ दिनों बाद अग्निवीर के फॉर्म आ गए। मैंने फॉर्म भरा और तैयारी और तेज कर दी। फिजिकल मैंने पास कर लिया। इसके बाद मेडिकल हुआ वह भी मैंने पास कर लिया फिर रिटन एग्जाम भी मैंने क्लियर किया।

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here