वारासिवनी न्यायालय में १३ मई को नेशनल लोक अदालत का आयोजन किया गया। यह अदालत मध्यप्रदेश राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण जबलपुर के निर्देशानुसार एवं प्रधान जिला एवं सत्र न्यायाधीश दिनेशचंद्र थपलियाल व सचिव जिला विधिक सेवा प्राधिकरण आसिफ अब्दुल्ला के मार्गदर्शन में प्रथम अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश, अध्यक्ष तहसील विधिक सेवा समिति वारासिवनी सुधीरसिंह ठाकुर के नेतृत्व में शुभारंभ किया गया। जिसमें मां सरस्वती के छायाचित्र पर माल्यार्पण कर दीप प्रज्वलित किया गया। उक्त नेशनल लोक अदालत में कुल ०६ खण्डपीठों का गठन किया गया। जिसमें खण्डपीठ क्र.१७ प्रथम अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश सुधीर सिंह ठाकुर की खण्डपीठ में कुल १२ प्रकरणों का निराकरण किया जाकर कुल १६२६०३८ रूपये के अवार्ड पारित किये गये। इसी प्रकार खण्डपीठ क्र. १८ द्वितीय अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश, मनोज कुमार तिवारी की खण्डपीठ से मोटर दुर्घटना दावा एवं क्षतिपूर्ति हिन्दू विवाह निष्पादनवाद सिविल अपील इस प्रकार उक्त खण्डपीठ में कुल ११ मामलों का निराकरण किया जाकर १३,६५,०००/- की राशि का अवार्ड पारित किया गया। खण्डपीठ क्र.१९ द्वितीय व्यवहार न्यायाधीश, वरिष्ठ खण्ड शैलेन्द्र रैकवार की खण्डपीठ में आपराधिक शमनीय प्रकृति के हिन्दू विवाह से संबंधित कुल ३१ प्रकरणों का निराकरण किया गया। इसी क्रम में खण्डपीठ क्र.२० के द्वितीय व्यवहार न्यायाधीश, कनिष्ठ खण्ड चैतन्य अनुभव चौबे, के न्यायालय द्वारा आपराधिक एवं शमनीय एवं एनआईएक्ट हिन्दू विवाह से संबंधित कुल ३६ प्रकरणों का निराकरण किया गया। इसी क्रम में खण्डपीठ क्रमांक २१ के पीठासीन अधिकारी श्रीमती प्रीति चैतन्य चौबे प्रथम व्यवहार न्यायाधीश, कनिष्ठ खण्ड के न्यायालय द्वारा आपराधिक एवं शमनीय एवं एनआईएक्ट धारा १२५ एमजेसीआर के कुल २१ प्रकरणों का निराकरण कर ४०,००० रूपये की समझौता राशि वसूल की गई। इसी क्रम में खण्डपीठ क्र.२२ के पीठासीन अधिकारी रौनक पाटीदार, तृतीय व्यवहार न्यायाधीश, कनिष्ठ खण्ड के न्यायालय द्वारा आपराधिक एवं शमनीय प्रकृति एनआईएक्ट निष्पादन वाद धारा १२५ के कुल ३२ मामलों का निराकरण कर ३,३०,००० रूपये की राशि वसूल की गई। इस प्रकार सभी खण्डपीठों में कुल 143 प्रकरणों का निराकरण किया जाकर ३०६४०३८ रूपये के अवार्ड पारित किये गए। वही प्री-लिटिगेशन के रखे गए बैंक के प्रकरणों में १० प्रकरणों का निराकरण किया जाकर ४५८००० रूपये की राशि, विद्युत अधिनियम के प्रिलिटिगेशन के ८० प्रकरण निराकृत हुये कुल राशि ३५२४०४ रू. नगरपालिका द्वारा सम्पत्तिकर एवं नजूल के १५ प्रकरणों में ५५८९४ रूपये एवं जलकर के ३ प्रकरणों में ९२०१ रूपये कुल १८ प्रकरणों में ६५०९५ रूपये लोक अदालत के माध्यम से वसूल किये गये । उक्त नेशनल लोक अदालत को सफल बनाने में समस्त न्यायालयीन कर्मचारीगण, अधिवक्तागण, पुलिस विभाग, राजस्व विभाग, म.प्र. विद्युत मण्डल, समस्त बैंक के अधिकारीगण एवं कर्मचारीगण का योगदान रहा।