पाकिस्तान में बढ़ते राजनीतिक संकट ने सेना प्रमुख जनरल असीम मुनीर के उस प्लान को सफल कर दिया है जिसके तहत वह पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान को कमजोर करना चाहते थे। इमरान खान जब से जेल से रिहा हुए हैं, वह एक तरह से अलग-थलग पड़ गए हैं। नौ मई को उन्हें जब इस्लामाबाद हाई कोर्ट के बाहर से गिरफ्तार किया गया तो देश में जमकर प्रदर्शन हुए। जब वह जेल से बाहर आए तो उनकी पार्टी के कई नेताओं को गिरफ्तार किया गया। जिस तरह से पार्टी के नेता उन्हें छोड़कर गए उससे तो बस यही लगता है कि अब इमरान अकेले पड़ चुके हैं। यहां तक कि इमरान के अलोचक भी उनके करीबियों के इस रवैये से हैरान हैं।
इमरान के करीबी हुए अलग
गुरुवार को पूर्व मुख्यमंत्री और रक्षा मंत्री परवेज खट्टक ने भी पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ (पीटीआई) से इस्तीफ दे दिया। उन्होंने खान के पूर्व वित्त मंत्री, उनके पूर्व मानवाधिकार मंत्री, उनके पूर्व सूचना मंत्री और उनके पूर्व जहाजरानी मंत्री की तरह ही पार्टी को छोड़ना बेहतर समझा। जिन लोगों ने पार्टी नहीं छोड़ी उनमें से कई अब जेल की सलाखों के पीछे हैं। पीटीआई के अध्यक्ष, चौधरी परवेज़ इलाही को भी आतंकवाद विरोधी पुलिस ने लाहौर में उनके घर पर गिरफ्तार कर लिया। वह अक्सर कहते आए हैं कि इस मुश्किल समय में वह खान के साथ खड़े रहेंगे। शाह महमूद कुरैशी भी कई और प्रमुख मंत्रियों और हजारों रैंक और पीटीआई सदस्यों के साथ जेल में हैं। वह इमरान के करीबियों में शामिल हैं।