मानव सेवा में सबसे बड़ा दान रक्तदान को माना जाता है। जिसे बढ़ावा देने के लिए 14 जून को प्रतिवर्ष विश्व रक्तदान दिवस भी मनाया जाता है। जिससे की रक्त की आवश्यकता वालों को रक्त उपलब्ध कराने के लिए रक्तदाता आगे आकर रक्तदाता दान कर सके लेकिन बालाघाट जिले में विश्व रक्तदान दिवस के दिन रक्तदाताओं की उत्साह नजर रही है। जिससे शहीद भगतसिंह जिला अस्पताल में रक्तदाता रक्तदान करने पहुंचे ही नहीं। रक्तदान यूनिट से मिली जानकारी के अनुसार सिर्फ छह यूनिट रक्त का दान किया गया वह भी मरीज को जरुरत पड़ने पर उनके परिजन या फिर पहचान वालों ने ही रक्त दिया है। विश्व रक्तदान दिवस पर रक्तदाता में उत्साह नहीं होने को लेकर स्वास्थ्य प्रबंधन की कमजोरी का माना जा रहा है।
ओ पाजिटिव स्टाक में नही, एबी पाजेटिव की भी नहीं किल्लत
बताया जा रहा है कि जिला अस्पताल में रोजाना ही गायनिक वार्ड, शिशु वार्ड, मेडिकल वार्ड में रक्त की आवश्यकता होती है। यहां रोजाना ही 20 से 25 यूनिट रक्त दिया जाता है। जिसमें से करीब दस यूनिट रक्त का देना बिना एक्सचेंज के ही किया जाता है। रक्तदान यूनिट का ये हाल है कि सबसे सामान्य रक्त ओ पाजिटिव तक स्टाक में नहीं है। इसके साथ ही एबी प्लस,ए बी पाजेटिव रक्त की स्टाक में किल्लत देखी जा रही है।
कूपन सिस्टम भी बंद, इसलिए नहीं उत्साह
रक्तदाताओं ने बताया कि जिला अस्पताल में पहले समूह में रक्त का दान करने पर कूपन की व्यवस्था थी। जिससे किसी भी रक्तदाता को रक्त की आवश्यकता पड़ने पर वह बिना परेशान हुए ही रक्त की व्यवस्था कर लेता था लेकिन अब यह व्यवस्था भी बंद कर दी गई है। जिससे भी रक्तदाताओं में रक्तदान करने के प्रति उत्साह नहीं दिख रहा है। उन्होंने बताया कि एक बार रक्त का दान करने पर कम से कम तीन माह रक्तदाता रक्त का दान नहीं कर पाता है। ऐसे में उसे रक्त की आवश्यकता होने पर अब वह भटकता है।
विभाग खुद जागरूक नही
बताया जा रहा है कि रक्तदाता लगातार मानव सेवार्थ के लिए रक्तदान कर रहे है, लेकिन स्वास्थ्य प्रबंधन ने विश्व रक्तदान दिवस के अवसर रक्तदान को लेकर न तो सही प्रचार-प्रसार किया है और न ही रक्तदाताओं व संस्थाओं को इसकी सूचना दी है। बताया जा रहा है कि एक यूनिट रक्त का दान करने से कम से कम तीन जरुरतमंदों की मदद की जा सकती है और लोग लगातार रक्तदान करते है , लेकिन स्वास्थ्य प्रबंधन इसके लिए ना तो सूचित करता है और न ही किसी प्रकार की पूछ परख होती है। शायद यही वजह है कि रक्तदाताओं का विश्व रक्तदान दिवस पर उत्साह नजर नहीं आया।
कर्मचारियों के व्यवहार को लेकर थोड़ी अनबन हो गई थी- गौतम बम्हे
इस पूरे मामले को लेकर दूरभाष पर की गई चर्चा के दौरान युवा समर्पण रक्तदान वेलफेयर सोसाइटी बालाघाट प्रमुख गौतम बम्हे ने बताया कि हमारी संस्था लगातार लोगों को रक्तदान के लिए प्रोत्साहित करती है ।हम लोगों को जागरूक कर उनसे रक्तदान कराते थे और जरूरतमंदों के लिए रक्तदान करते थे। उस समय रक्त दाताओं को उत्साहित करने के लिए उनकी फोटो वीडियो बनाकर सोशल मीडिया में प्रचार प्रसार किया जाता था ताकि रक्त दाताओं में उत्साह बना रहे और अन्य लोग भी इस पुनीत कार्य में बढ़ चढ़कर हिस्सा लें लेकिन इसी बात को लेकर कुछ समय पूर्व वहां के कर्मचारियों के साथ अनबन हो गई थी जिसके चलते कुछ समय के लिए हमने यह कार्य काफी कम कर दिया था। लेकिन अभी ऐसा कुछ नहीं है ।हम रोजाना चार से पांच यूनिट ब्लड देते रहते हैं हर 3 महीने में कैंप लगाया जाता है अन्य संस्थाएं भी कैंप लगाती रहती हैं जिसके चलते ज्यादातर लोग उसी कैंप में रक्तदान करते हैं।हो सकता है कि इसीलिए लोग आज विश्व रक्तदान दिवस पर रक्तदान करने नहीं पहुंचे हो लेकिन हमारे द्वारा यह पुनीत कार्य आज भी जारी है
मामले की जानकारी ली जाएगी- धबडगांव
वही इस पूरे मामले को लेकर दूरभाष पर की गई चर्चा के दौरान जिला अस्पताल सिविल सर्जन डॉ संजय धबड़गाव ने बताया कि विश्व रक्तदात दिवस के अवसर पर रक्तदान के प्रति लोगों को जागरुक करने के लिए शपथ दिलाई गई है। वहीं लांजी में रक्तदान शिविर का आयोजन भी किया गया है। जिला अस्पताल में रक्तदाताओं व संस्थाओं को सूचना दी गई है या नहीं इसकी जानकारी ली जाएगी।