देशभर में आदिवासी मूल निवासियों के साथ हो रहे अत्याचार, शोषण,और उत्पीड़न के खिलाफ अपनी आवाज बुलंद करते हुए सोमवार को राष्ट्रीय आदिवासी एकता परिषद के बैनर तले विभिन्न सामाजिक संगठनों ने मगरदर्रा के ग्राम तुमडीटोला में धरना प्रदर्शन किया। जहां उन्होंने नैनपुर बालाघाट राज्य मार्ग पर चक्काजाम कर केंद्र व राज्य सरकार के विरोध में जमकर नारेबाजी की। जहां राष्ट्रीय आदिवासी एकता परिषद के बैनर तले विभिन्न सामाजिक संगठनों ने एसटी एससी और ओबीसी मूलनिवासी पर लगातार हो रहे अत्याचार का विरोध करते हुए आवेदन निवेदन पर भी इंसाफ न मिलने की बात कही। जहां उपस्थित विभिन्न संगठनों के पदाधिकारियों और सामाजिक बंधुओं ने करीब 1 घंटे तक चक्का जाम कर विरोध प्रदर्शन किया ।वही अपनी 20 सूत्रीय मांगों को लेकर थाना प्रभारी को ज्ञापन सौंपते हुए मणिपुर पर जारी हिंसा में राष्ट्रपति शासन लगाने और इसके पूर्व प्रदेश व देश के विभिन्न इलाकों में घटी विभिन्न घटनाओ में इंसाफ दिलाया जाने की मांग की। जहां उन्होंने राज्य व केंद्र सरकार से जल्द से जल्द उनकी समस्त मांगे पूरी किए जाने की गुहार लगाते हुए एसटी एससी ओबीसी मूल निवासियों के लिए कठोर कानून बनाकर उनका संरक्षण करने और इन पर अत्याचार कर उनका शोषण करने वालों के खिलाफ वैधानिक कार्यवाही किए जाने की मांग की है। राष्ट्रीय आदिवासी एकता परिषद, बहुजन क्रांति मोर्चा ,भारत मुक्ति मोर्चा सहित विभिन्न संगठन सामाजिक बंधु इस चक्का जाम प्रदर्शन में शामिल रहे।
इन मांगों को पूरा करने लगाई गुहार
राष्ट्रीय आदिवासी एकता परिषद के बैनर तले विभिन्न सामाजिक संगठनों द्वारा किए गए इस चक्काजाम आंदोलन के दौरान विभिन्न संगठनों ने संयुक्त रूप से 20 सूत्रीय मांगों को लेकर ज्ञापन सौपा। जिसमें नए फॉरेस्ट एक्ट को समाप्त करने, मणिपुर में जारी हिंसा पर लगाम लगाने, आदिवासियों की सभ्यता संस्कृति को बचाने, उनका संरक्षण करने, आदिवासियों को जल जंगल जमीन से बेदखल ना करने एससी एसटी ओबीसी के लोगों पर दर्ज फर्जी एफआईआर हटाने सहित एसटी एससी ओबीसी के अधिकारों की सुरक्षा व संरक्षण करने और शोषण अत्याचार करने वालों के खिलाफ वैधानिक कार्रवाई किए जाने की मांग की।
चक्काजाम के चलते सड़क पर वाहनों की दिखी लंबी कतारें
एसटी एससी ओबीसी मूल निवासियों पर अत्याचार किए जाने का आरोप लगाते हुए बालाघाट नैनपुर राज्य मार्ग स्थित मगरदर्रा के ग्राम तुमडीटोला मुख्य मार्ग में किए गए चक्का जाम प्रदर्शन के चलते यहां घंटों यातायात प्रभावित रहा। जहां प्रदर्शन के चलते मुख्य राज्य मार्ग के दोनों तरफ छोटे बड़े वाहनों की लंबी-लंबी कतारें नजर आई। जहां से आवागमन करने में लोगों को भारी परेशानियों का सामना करना पड़ा। करीब 1 घंटे तक चले चक्का जाम धरना प्रदर्शन के बाद प्रदर्शनकारियों ने प्रदेश व केंद्र सरकार के नाम 20 सूत्रीय मांगों को लेकर ज्ञापन सौंपने के बाद प्रदर्शन समाप्त किया। जिसके बाद राज्य मार्ग पर आवागमन की व्यवस्था सुचारू हो पाई।
तो उग्र आंदोलन किया जाएगा-
सोमवार को किए गए इस चक्काजाम प्रदर्शन को लेकर की गई चर्चा के दौरान प्रदर्शन में शामिल पदाधिकारियों ने बताया म.प्र. व अन्य राज्यों में दिन प्रतिदिन आदिवासियों पर अन्याय, अत्याचार, शोषण, बलात्कार हो रहे हैं। जघन्य अपराधों में अपराधियों को भाजपा सरकार शरण दे रही है। अभी हाल ही में आदिवासी बालिका छात्रावास में एसडीएम सुनील झा की अश्लील हरकतों के कारण उनके ऊपर पॉस्को एक्ट और एट्रोसिटी भी लगी किन्तु आज उसकी जमानत हो गई ये कैसे सम्भव है।सीधी कांड का पेशाब मामला भी हिटलर शाही मनुवादी को जन्म देता है। उसके अलावा मणिपुर में दो आदिवासी महिलाओं के साथ बलात्कार करके उनको निर्वस्त्र घुमाया गया है ।हमारी मांग है कि मणिपुर राज्य में राष्ट्रपति शासन लागू हो ,आरोपियों को मृत्युदंड की सजा दि जाए।हमने आज 20 सूत्रीय सूत्री मांगों को लेकर ज्ञापन सौंपा है सभी मांगे पूरी किए जाने की गुहार लगाई जहां उन्होंने एस टी एस सी, ओबिसी पर हो रहे अत्याचारों को बंद किए जाने की गुहार लगाते हुए दोषियों पर वैधानिक कार्यवाही किए जाने की मांग की। उन्होंने बताया कि सीधी की घटना हो या मणिपुर का मामला या अन्य कोई घटनाएं लगातार एससी एसटी ओबीसी के लोगों पर अन्याय अत्याचार किया जा रहा है आवेदन निवेदन करने पर भी कहीं कोई सुनवाई नहीं हो रही है इसीलिए राष्ट्रीय आदिवासी एकता परिषद द्वारा चरणबद्ध आंदोलन किए जा रहे हैं इसके पूर्व जिला मुख्यालय तहसील स्तर पर ज्ञापन सौंपा गया है रैली निकालकर दोषियों पर कार्यवाही किए जाने की मांग की गई है बावजूद इसके भी कुछ नहीं हुआ। इसीलिए आज हमें चक्का जाम प्रदर्शन करना पड़ा है उन्होंने बताया कि यदि मामले में इंसाफ नहीं मिल पाता तो एसटी एससी ओबीसी के लोगों को न्याय दिलाने के लिए उग्र आंदोलन किया जाएगा।