हरछठ पर्व और बलराम जयंती आज

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प्रतिवर्ष के अनुसार इस वर्ष भी जिला मुख्यालय सहित अन्य तहसील व ग्रामीण अंचलों में सोमवार को हरछठ पर्व और भगवान श्री कृष्ण के बड़े भ्राता भगवान बलराम जी की जयंती, हर्षोल्लास के साथ मनाई जाएगी। जहां हरछठ पर्व और बलराम जयंती पर जिले भर में जगह-जगह विभिन्न कार्यक्रमों के आयोजन होंगे। जो देर शाम तक जारी रहेंगे। जहां इस पर्व विशेष पर सुहागन महिलाएं अपनी संतान की दीर्घायु के लिए निर्जल व्रत धारण करेंगी, तो वही विशेष पूजा अर्चना के साथ परिवार की सुख, समृद्धि, यश ,कीर्ति, पारिवारिक सुख सहित अन्य मनोकामनाओं की पूर्ति के लिए मन्नत मांगी जाएगी। वही भगवान बलराम जी की जयंती पर खासतौर पर ग्रामीण अंचलों में विशेष पूजा अर्चना के साथ विभिन्न कार्यक्रमों के आयोजन किए जाएंगे।

बाजार हुए गुलजार ,महिलाओं ने खरीदी पूजन सामग्री
बात अगर हरछठ व्रत और बलराम जयंती की करें तो बालाघाट जिले में हरछठ व्रत और बलराम जयंती प्रतिवर्ष हर्षोल्लास के साथ मनाई जाती है और जगह-जगह विभिन्न कार्यक्रमों के आयोजन किए जाते हैं। बालाघाट जिले में यह पर्व बड़ी ही आस्था, विश्वास और श्रद्वा के साथ व्रतधारी महिलाओं के घर में मनाया जाता है, जहां महिलाओं को पूजा के लिए आमंत्रित किया जाता है और पूजन उपरांत उन्हें बांस से बनी टोकरी में लाई, महुआ, चने और पूजन में चढ़े फलों का प्रसाद वितरित किया जाता है। इस विशेष पर्व की तैयारी को लेकर हरछठ व्रत से एक दिन पूर्व अर्थात 03 सितंबर को बाजार में पूजन सामग्री खरीदने महिलायें बाजार पहुंची थी, जहां से पूजन सामग्री के अलावा पूजन में चढ़ने वाले फल और बांस से बनी छोटी टोकनियों की खरीददारी की। आज हरछठ का व्रत मुख्यालय सहित पूरे जिले में विधिविधान से मनाया जायेगा। जहां व्रत धारी महिलाएं विशेष पूजा अर्चना कर संतान की सुख समृद्धि परिवार के यश कीर्ति आदि की मंगल कामनाएं करेंगी। वही शाम को एक निश्चित समय अवधि में व्रत तोड़कर जल और मिष्ठान ग्रहण करेंगी।

व्रत धारी महिलाएं करेंगे विशेष पूजा अर्चना
धार्मिक मान्यता के अनुसार हरछठ पर्व के दिन महिलायें अपने संतान की दीर्घायु और उसके स्वस्थ्य जीवन की कामना के लिए व्रत रखकर पूजन आदि करती हैं। मान्यता है कि ऐसा करने से भगवान हलधर यानी कि बलराम जी उनके पुत्रों को लंबी आयु प्रदान करते हैं। वहीं संतान उत्पत्ति की भी कामना पूरी करते हैं। इस दिन अपनी संतान की लंबी उम्र की कामना के साथ इस दिन माताएं पूरे मन से पूजन करती हैं। माना जाता है कि जो माताएं इस व्रत को करती हैं उनके पुत्र के जीवन पर आए संकट दूर होते हैं।हिंदू पंचांग के मुताबिक हरछठ आज 04 सितंबर सोमवार को है। इस व्रत में विशेष रूप से गाय के दूध और उससे तैयार दही का प्रयोग कतई वर्जित है। हां भैस के दूध, दही का सेवन किया जा सकता है। कहते हैं इस दिन जोता बोया अन्न नहीं खाना चाहिये। इसलिए इस व्रत में पसही के चावल और महुए की मिठास से बनी चीजे खा कर व्रत खोला जाता है।

बलराम जयंती पर हल की होगी विशेष पूजा
प्रतिवर्ष के अनुसार इस वर्ष भी भाद्रपद माह के कृष्ण पक्ष की षष्ठी तिथि को मनाया जाने वाला हरछठ (हलषष्ठी) व्रत आज सोमवार 04 सितंबर को मनाया जायेगा। साथ ही यह पर्व भगवान श्रीकृष्ण के ज्येष्ठ भ्राता श्री बलरामजी के जन्मोत्सव के रूप में भी मनाया जाता है।बताया जा रहा है कि भगवान बलरामजी का प्रधान शस्त्र हल तथा मूसल है, इसी लिए उन्हें हलधर भी कहा जाता है, इसी कारण इस पर्व को ‘हलषष्ठी या हरछठ’ कहते हैं। इस दिन विशेष रूप से हल की पूजा करने और महुए की दातून करने की परंपरा है। वर्षों से चली आ रही यह परंपरा आज भी निभाई जाएगी और ग्रामीण अंचलों में किसान घर-घर हल ,नगर की विशेष पूजा अर्चना करेंगे।

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