जरुरी खाद्यान्नों की महंगाई पर नियंत्रण के लिए सरकार एक के बाद एक कदम उठा रही है। तुवर के स्टाक की घोषणा और स्टाक लिमिट के बाद कारोबारियों को अब मसूर का स्टाक घोषित करने के लिए निर्देशित कर दिया गया है। सरकार के इस कदम से मसूर के दामों में मंदी देखी जा रही है। जल्द अमेरिका से भी आयात शुरू होने की उम्मीद है। इस बीच कुछ अन्य दलहन को लेकर भी ऐसी ही घोषणा की उम्मीद की जा रही है।
आसार है कि सरकार मूंग का स्टाक घोषित करने का आदेश भी जल्द जारी कर देगी। इसी के साथ नाफेड के जरिए चना और मूंग की बिक्री भी खुले बाजार के लिए शुरू हो रही है। इससे कीमतों पर अंकुश लगने की उम्मीद है। नाफेड से सरकार ने कहा है कि अन्य दालों की बिक्री करने को लेकर भी कार्ययोजना स्पष्ट करे।इस बीच अमेरिका से खबर आ रही है कि सीबोट का गेहूं वायदा ऊंचे स्तर पर बंद हुआ है।
वैश्विक आपूर्ति की चिंताए इस बाजार को बल दे रही है। गेहूं के शीर्ष निर्यातक रूस के बाजार से आ रही कटाई बाधित होने की खबरों के कारण दुनियाभर में फिर से गेहूं के दाम बढ़ने की चिंता जताई जाने लगी है। यूक्रेन से भी दुनियाभर में गेहूं की आपूर्ति रूसी हमलों के कारण बाधित बो रही है। आस्ट्रेलिया में वर्षा की कमी से गेहूं का निर्यात और उत्पादन प्रभावित होता दिख रहा है।
अमेरिका में शीतकालीन गेहूं की बुवाई का अभी तक का प्रतिशत बीते वर्षों से कम है। ऐसे में देश के बाजारों में आगे गेहूं की स्थिति मजबूत दिख रही है। हालांकि मंडियों की हड़ताल के कारण अभी सौदों को लेकर स्पष्टता नहीं है, लेकिन व्यापारी अब नीचे दाम पर बिक्री से बचते दिख रहे हैं।