इंदौर के लिए यह किसी चेतावनी की तरह है कि यहां महिलाओं में स्तन कैंसर के मामलों में हर साल बढ़ोतरी हो रही है। अस्पतालों में हर वर्ष करीब 20 प्रतिशत केस बढ़ते जा रहे हैं। इसका प्रमुख कारण देरी से शादी करना और बच्चे को जन्म देना भी है। हालांकि जीवनशैली और खानपान में बदलाव भी कारण हैं।
विशेषज्ञों के मुताबिक, यदि 30 वर्ष से कम उम्र में महिलाएं बच्चे को जन्म दे देती हैं, तो स्तन कैंसर होने की आशंका कम हो जाती है। इसके अलावा स्मोकिंग भी इस कैंसर का एक कारण है। अब कई युवतियां या महिलाएं भी स्मोकिंग करने लगी हैं। यह खतरनाक है। खासतौर पर प्रोफेशनल महिलाओं में कई स्मोकिंग करती हैं और इनका खानपान भी बिगड़ा रहता है। इस कारण स्तन कैंसर के मामले भी इसी वर्ग में अधिक हैं।
उपचार की नई तकनीकें भी आईंहालांकि अब इंदौर में नई तकनीकों से मरीजों को बेहतर इलाज भी मिलने लगा है। अब पहली स्टेज में भी वैक्यूम असिस्टेड कोर बायोप्सी की मदद से कैंसर की पहचान हो जाती है। इस तकनीक का उपयोग अब इंदौर में होने लगा है। इससे महिलाओं के कैंसर की जांच उस स्टेज पर हो जाती है, जहां से इसका उपचार आसान रहता है। अब सर्जरी की नई तकनीकों के माध्यम से मरीज को अगले ही दिन अस्पताल से डिस्चार्ज भी कर दिया जाता है।विशेषज्ञों ने बताया कि वैक्यूम-असिस्टेड कोर बायोप्सी एक सुरक्षित और न्यूनतम इनवेसिव प्रक्रिया है, जिसमें जांच के लिए स्तन के ऊतक का एक नमूना निकाला जाता है। स्तन इमेजिंग में बहुत छोटी असामान्यताएं दिखाई देती हैं, जिन्हें महसूस नहीं किया जा सकता, इसलिए वैक्यूम-असिस्टेड कोर बायोप्सी का उपयोग स्तन ऊतक के नमूने प्राप्त करने के लिए किया जाता है।