निर्दलीय प्रत्याशी विशाल बिसेन द्वारा बालाघाट विधानसभा क्षेत्र क्रमांक 111 में सघन जनसंपर्क कर रहे हैं उन्होंने अभी तक ग्रामीण क्षेत्रों में अपनी नुक्कड़ सभा ली तो अब वह निर्वाचन की तारीख को देखते हुए शहर में भी नुक्कड़ सभा लेने का दौरा शुरू कर दिया है जहां पर वह वह कांग्रेस और भाजपा को आड़े हाथों लेते हुए दोनों पार्टियों की कर्मियों को जनता के सामने रख रहे हैं
आपको बता दे की 17 नवंबर को निर्वाचन 2023 के लिए मतदान होना है जिसको देखते हुए अब सभी पार्टी बिल्कुल भी समय ना गवाते हुए अपने-अपने स्तर पर प्रचार कर रही है तो वहीं निर्दलीय प्रत्याशी बालाघाट विधानसभा के विशाल बिसेन भी इन दोनों अपने विधानसभा क्षेत्र में नुक्कड़ सभा लेकर जनता से मिलकर कर अपने पक्ष में मतदान करने की अपील कर रहे हैं
तो वहीं कांग्रेस भाजपा दोनों क्षेत्रीय पार्टियों को आड़े हाथों लेते हुए उनकी कमियों को जनता के बीच रख रहे हैं और बता रहे हैं कि अब तक क्षेत्र का विकास हो जाना था किंतु इन दोनों पार्टियों को मौका मिलने के बावजूद भी किसी ने क्षेत्र के विकास पर ध्यान नहीं दिया तो वहीं उन्होंने 13 नवंबर को बालाघाट शहर के प्रमुख चौक चौराहा में जनसंपर्क करते हुए नुक्कड़ सभा आयोजित की और इस नुक्कड़ सभा में वह दोनों ही पार्टियों पर जमकर बरसे और बताया कि आज किस प्रकार उन्हें आम जनता के साथ-साथ शहर के व्यापारियों का भी उन्हें सपोर्ट मिल रहा है उन्होंने बताया कि जिस प्रकार से आज मतदान आवश्यक है उसी प्रकार से परिवर्तन होना भी एक प्रकार का प्रकृति का नियम है उसी प्रकार बदल दो बालाघाट के लक्ष्य को लेकर आज जनता के बीच जा रहे हैं जिसमें उन्हें जनता का अच्छा समर्थन मिल रहा है आज जो चुनाव मैदान में भाजपा और कांग्रेस के प्रत्याशी खड़े हुए हैं उनकी आदत है हर विधानसभा में चुनाव लड़ना जिन्होंने अब धीरे-धीरे चुनाव लड़ने में रिकॉर्ड बनाना शुरू कर दिया है जिसको वह खत्म करना चाहते हैं इसलिए वह इस बार निर्दलीय होकर चुनाव मैदान में उतरे हैं उन्होंने भाजपा के प्रत्याशी गौरीशंकर बिसेन पर बरसते हुए कहा कि गौरीशंकर बिसेन के द्वारा 6 महीने पहले अनेको बार मंचों से यह कहा था कि वह चुनाव नहीं लड़ेंगे और वह युवाओं को मौका देंगे किंतु जब उन्होंने युवाओं के रूप में अपनी बेटी को मौका दिया और जब पता चला कि वह हार जाएगी तो वह स्वयं ही चुनावी मैदान में उतर गए जबकि वह स्वयं ने कहा था कि यदि वह चुनाव नहीं लड़ेंगे और उनकी बेटी भी चुनाव नहीं लड़ेगी तो एक कार्यकर्ता चुनाव लड़ेगा किंतु आज वह सबको बुलाकर स्वयं चुनावी मैदान में आ गए हैं वह कभी भी अपनी बातों पर कायम नहीं रहते उनकी कथनी और करनी में बहुत अंतर है