ग्यारस पर्व को लेकर नगर मे गन्नो की खेप आ गई। देव उठनी ग्यारस को लेकर पहुॅची यह खेप के दाम काफी अधिक बताये जा रहे है। इस मर्तबा गन्नो के १ नग की कीमत २० से लेकर ३० रूपये है। बताया जा रहा है कि इस मर्तबा गन्ने की फसल जिस तादाद मे होनी चाहिये थी उस तादाद मे नही हुई है। जिसकी वजह से गन्नो के दाम पर महंगाई की मार पड़ी है। गौरतलब है कि देवउठनी ग्यारस २३ नवंबर को मनाई जायेगी। इस दिन हिंदू रिति रिवाज के तहत तुलसी व सालिकराम का विवाह होगा और समस्त शुभ कार्य के मुहूर्त प्रारंभ हो जायेंगे।
बोनकट्टा व लालबर्रा क्षेत्र से लाया जा रहा ग्यारस के लिये गन्ना – घनश्याम सहारे
इस संबंध मे गन्ना विक्रेता घनश्याम सहारे ने पद्मेश को बताया कि इस मर्तबा हमने लालबर्रा के ददिया व बोनकट्टा से गन्ना लाये है। मगर उस हिसाब से हमे इनका मूल्य नही मिल पा रहा है। गन्ने मे ३ प्रकार की क्वालिटी होती है एक बारिक जिसे हम २० रूपये प्रति नग, दूसरा थोड़ा मोटा जिसकी कीमत २५ रूपये व जो रसदार गन्ना है उसकी कीमत ३० रूपये है। मगर हमे मूल्य नही मिल पा रहा है। जबकि यह महंगाई का दौर है हमने भाड़ा लगाकर कैसे गन्ने को लाया है यह हम जानते है अगर हमारी लागत ही नही निकल पायेगी तो हमे काफी आर्थिक नुकसान झेलना पड़ेगा।
नही मिल रहा गन्नो का उचित दाम – छोटेलाल शिव
इसी तरह गन्ना विक्रेता सिकन्द्रा निवासी छोटेलाल शिव ने पद्मेश को बताया कि वे फिलहाल जो गन्ना ला रहे है लालबर्रा अमोली का है। गन्ने की क्ॅवालिटी देख देखकर गन्ने की हम लोग खरीदी करते है मगर हमे वो दाम नही मिल पा रहा है। हमे थोक मे एक गन्ना १० रूपये से ११ रूपये का मिल रहा है मगर यहा पहुॅचते तक यह गन्ने की कीमत १८ से २० रूपये हो जाती है। ऐसे मे हम इसे २५ रूपये व ३० रूपये नग के हिसाब से बेच रहे है। हमारे क्षेत्र मे भी गन्ना हुआ है मगर वो उस क्ॅवालिटी का नही है जो ग्राहक ले। इसलिये हम लोग बाहर से गन्ना लाकर बेच रहे है। हम चाहते है कि हमारे वारासिवनी क्षेत्र मे शक्कर कारखाना खुल जाये तो लोगो को लाभ मिलेगा साथ ही रोजगार भी प्राप्त होगा।