समय पर डाक्टर उपस्थित न होने से मरीज लौट रहे वापस

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नगर मैं स्थित शासकीय सिविल अस्पताल मैं उपचार करने के लिए पहुंचने वाले मरीजों को परेशानी का सामना करना पड़ रहा है क्योंकि डॉक्टर समय पर उपस्थित नहीं हो रहे हैं। जिसके कारण कई मरीजों को वापस अपने घर लौटना पड़ रहा है तो वहीं लंबा इंतजार कर अपने कार्यों को बाधित कर उपचार लेना पड़ रहा है जिसको लेकर नगरवासियो में रोष व्याप्त है। ऐसा ही एक मामला 20 दिसंबर की सुबह सामने आया जब नगर के वार्ड नंबर 2 के पार्षद स्वयं शासकीय सिविल अस्पताल अपनी नातन का उपचार करने पहुंचे तो डॉक्टरों की कुर्सी पूरी तरह खाली थी और कुछ स्टाफ धूप सेकने में व्यस्त था। जिनके द्वारा करीब 1 घंटे इंतजार करने के बाद उपचार लिया गया जिस पर उनके द्वारा आक्रोश व्यक्त करते हुए अस्पताल प्रबंधन की व्यवस्था पर सवाल उठाये गये। वहीं इस दौरान क्षेत्र से बड़ी संख्या में उपचार करने पहुंचे लोगों को भी इंतजार का सामना करना पड़ा जो आक्रोशित नजर आये। जिस पर सभी के द्वारा समय पर डाक्टर उपस्थित होकर उपचार देने व अस्पताल की व्यवस्था सुधारने की मांग की गई।

यहां यह बताना लाजिमी है कि शासकीय सिविल अस्पताल वारासिवनी के ओपीडी भवन पर बोर्ड चस्पा किया गया है। जिस पर अस्पताल खुलने का समय सुबह 9 से 2 बजे तक शाम 5 से 6 बजे तक स्पष्ट लिखा गया है परंतु 10 या 10:30 के बाद ही कोई डॉक्टर उपचार के लिए अपनी कुर्सी पर उपस्थित हो पता है। ऐसे में सुबह से उपचार करने पहुंचे लोगों को परेशानी का सामना करना पड़ रहा है जिन्हें डॉक्टर का इंतजार करना पड़ रहा है तो वही निर्धारित समय के पहले ही डॉक्टरों की कुर्सी खाली हो जाती है। जिसको लेकर उपचार करने पहुंचे लोगों के द्वारा समय पर डॉक्टर के उपस्थित होकर निर्धारित समय तक आने वाले मरीजों को उपचार उपलब्ध कराने की बात कही जा रही है।

गैरतलब है कि शासकीय सिविल अस्पताल वारासिवनी खैरलांजी क्षेत्र का इकलौता बड़ा अस्पताल है जहां 90 पंचायत के लोग अपना उपचार करने के लिए आते हैं वहीं कटंगी क्षेत्र से भी लोग उपचार के लिए आते हैं। ऐसे में सरकारी अस्पतालों में नगर सहित ग्रामीण क्षेत्र के गरीब मजदूर किसान अपना उपचार करने के लिए अधिक संख्या में आते हैं परंतु उन्हें इंतजार के कारण अपने कार्य को छोड़ना पड़ता है। जबकि शासन के द्वारा सुबह 9:00 बजे से अस्पताल प्रारंभ किया गया है तो मजदूर और गरीब किसान यह सोचकर अस्पताल में आते हैं कि वह अपना उपचार करा कर 10 से 10:30 बजे के बाद कार्य पर लौट जाएंगे। परंतु डॉक्टरों की निर्धारित समय पर उपस्थिति ना होने से उन्हें अधिक पीड़ा होने पर इंतजार करना पड़ता है तो वहीं सामान्य पीड़ा होने पर बिना उपचार लिए ही वापस लौट जाना पड़ता है। ऐसे में लोगों के अंदर आक्रोश व्याप्त है जबकि प्रतिदिन ओपीडी 2 से 3 सौ व्यक्तियों की बताई जाती है तो यह संभावना लगाई जा सकती है कि कितने व्यक्ति बिना उपचार के वापस लौट जाते होंगे।

पार्षद मदनलाल धार्मिक ने पदमेंश से चर्चा में बताया कि मैं अपनी नातन को लेकर सरकारी अस्पताल 9:45 बजे गया हुआ था। ओपीडी में पर्ची बनवाया किंतु कोई डॉक्टर नहीं थे चेकअप करने के लिए नातन का शिशु रोग विशेषज्ञ से जांच करवाना था किंतु 10:30 से 10:45 बजे बीएमओ डॉक्टर कमलेश झोड़े आये थोड़ी देर धूप में खड़े रहे फिर बीएमओ कमलेश झोड़े से हमने इलाज करवाया। मुझे सर्दी खांसी और दर्द की शिकायत थी डॉक्टर चौधरी शिशु रोग विशेषज्ञ 11 बजे आये मुझे एक घंटा इंतजार करना पड़ा। श्री धार्मिक ने बताया कि मेरे जैसे कई लोग अपना उपचार करवाने काम धंधा छोड़कर आते हैं जिन्हें परेशानी होती है अब वह 1 से 2 घंटा इंतजार करेंगे तो कम पर कब जाएंगे यह स्थिति अस्पताल की है जो अस्पताल की व्यवस्था पर प्रश्न चिन्ह लगा रही है। सुबह 9 बजे अस्पताल खुलने का समय लिखा हुआ है 9:45 बजे मैं अस्पताल गया 10:45 बजे डॉक्टर आये फिर मेरा चेकअप किया ऐसा नहीं होना चाहिए। हम चाहते हैं की व्यवस्था सुधरे समय पर डॉक्टर आये और मरीज का उपचार करें ताकि उन्हें समस्या ना हो मेहनत मजदूरी करने वाले लोग यहां इलाज करने के लिए अधिक आते हैं तो वह अपना उपचार करा कर कम पर चले जाना चाहिये।

नगरवासी लक्ष्मीनारायण डेकाटे ने बताया कि मैं धार्मिक जी के साथ सिविल अस्पताल वारासिवनी में गया हुआ था हम एक घंटा खड़े रहे 10:45 बजे तक कोई डॉक्टर अपनी चेयर पर बैठने तैयार नहीं था। करीब 10:45 बजे के बाद फिर डॉक्टर आए और उन्होंने चेकअप किया हम लोग डॉक्टर का इंतजार कर रहे थे जहां पर हमारे जैसे बहुत से लोग इंतजार में खड़े हुए थे। श्री डेकाटे ने बताया कि हर किसी को काम लगा हुआ है सरकारी अस्पताल में अधिकांश मजदूरी करने वाले लोग आते हैं जैसे मैं फेरी का काम करता हूं परंतु समय हो जाने पर बिना इलाज करवाये मुझे वापस आना पड़ा। शिशु रोग विशेषज्ञ का डॉक्टर तो मिला ही नहीं हमारी मांग है कि व्यवस्था अच्छी हो समय पर डॉक्टर बैठे लोगों की जांच करें। हमें आज नहीं पहले से कई लोग बताते हैं कि कभी डॉक्टर समय पर नहीं मिलते परंतु आज गया तो मैं स्वयं देखा कि डॉक्टर अपनी मर्जी के मालिक के रूप में 10:30 बजे से 11:00 तक आते हैं ऐसा होना नहीं चाहिए।

इनका कहना है

शासकीय सिविल अस्पताल वारासिवनी में डॉक्टर की कमी नहीं है पर कुछ डॉक्टर छुट्टी पर है जैसे रामपायली के डॉक्टर छुट्टी पर है जहां विक्रम शरणागत को भेजा गया है। ओपीडी में डायरेक्ट डॉक्टर आने से पहले भर्ती वार्ड और नाइट ड्यूटी भी रहती है इस कारण 9:30 बजे तक उपस्थित हो जाते हैं मैं खुद 10 बजे आया था।

डॉ. कमलेश झोड़े बीएमओ
शासकीय सिविल अस्पताल वारासिवनी

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