ठंड का प्रकोप बढ़ने से ब्रेन स्ट्रोक के मामलों में 30 फीसदी तक की वृद्धि हुई है। जयारोग्य अस्पताल के न्यूरोलॉजी विभाग में हर दिन औसतन 6 मरीज ब्रेन स्ट्रोक के भर्ती हो रहे हैं। अस्पताल में रोजाना दस मरीज भर्ती होने के लिए पहुंचते हैं, इनमें से छह मरीज ब्रेन स्ट्रोक के होते हैं। ऐसे में लोगों को सावधानी बरतने की जरूरत है।
शीतलहर का सितम लोगों पर कहर बनकर टूट रहा है। इसके कारण ब्रेन स्ट्रोक की स्थिति उत्पन्न हो रही है। बढ़ती ठंड में रक्तचाप बढ़ने की सबसे बड़ी समस्या सामने आई है, जिस कारण बुजुर्गों के साथ-साथ युवाओं में भी समस्या दिख रही है।
इसलिए होता है ब्रेन स्ट्रोक
ग्वालियर में न्यूनतम 8.5 डिग्री सेल्सियस और अधिकतम तापमान 24 डिग्री सेल्सियस है। इस मौसम में रक्त गाढ़ा हो जाता है और उसमें लचीलापन बढ़ जाता है, रक्त की पतली नलिकाएं संकरी हो जाती हैं, जिससे रक्त का दबाव बढ़ जाता है। अधिक ठंड पड़ने या ठंडे मौसम के अधिक समय तक रहने पर खासकर उच्च रक्तचाप से पीड़ित लोगों में स्थिति अधिक गंभीर हो जाती है। इसके अलावा सर्दियों में लोग कम पानी पीते हैं जिसके कारण रक्त गाढ़ा हो जाता है और स्ट्रोक का खतरा बढ़ जाता है।