देश-प्रदेश के पर्यटकों के लिए आकर्षण का केंद्र राजधानी का नेशनल वन विहार (राष्ट्रीय उद्यान) मध्य प्रदेश का इकलौता ‘थ्री इन वन’ पर्यटन स्थल है। यहां चिड़ियाघर के साथ नेशनल पार्क और रेस्क्यू सेंटर, तीनों एक साथ हैं। वर्ष 2023-24 में आठ माह में पांच लाख से भी अधिक पर्यटक वन विहार की सैर करने पहुंचे हैं। इससे ढाई करोड़ का राजस्व वन विभाग को प्राप्त हुआ।
टूट सकता है पांच साल का रिकार्डअगले चार माह में अप्रैल तक ढाई लाख और पर्यटकों के वन विहार आने की उम्मीद है। ऐसा हुआ तो राजस्व प्राप्ति का पिछले पांच साल का रिकार्ड भी टूट सकता है। बता दें कि वित्तीय वर्ष 2022-23 में सात लाख 85 हजार पर्यटक वन विहार पहुंचे थे। वन विहार प्रबंधन के मुताबिक, पिछले पांच साल में 26 लाख दो हजार से अधिक पर्यटक वन विहार की सैर कर चुके हैं।
वन विहार में 1500 से अधिक हैं वन्यप्राणीवन विहार राष्ट्रीय उद्यान में वर्तमान में 1500 से अधिक वन्यप्राणी मौजूद हैं। इनमें से सबसे ज्यादा चीतल, सांभर और मोर हैं। वहीं, 12 बाघ और 20 भालू भी हैं, जो पर्यटकों के लिए आकर्षण का केंद्र बने हुए हैं। वन विहार में विहार वीथिका, वर्ड इंटरप्रेटेशन सेंटर, जंगली कैफे, तितली और स्नेक पार्क भी हैं। गिद्ध, सांप, भालू और बारहसिंगा जैसे वन्यजीवों का रेस्क्यू और ब्रीडिंग सेंटर भी है। इनके माध्यम से वन्यजीवों का संरक्षण और प्रजनन कराया जाता है। यहां घायल, बीमार और शिकार नहीं कर पाने वाले जानवरों को भी रखा जाता है।
इसलिए बढ़े पर्यटकवन विहार प्रबंधन के मुताबिक, आनलाइन किए प्रचार-प्रसार के कारण पर्यटकों की संख्या में इजाफा हुआ। वन विहार में एक तरफ बड़ा तालाब और खुला व बड़ा परिसर होने के साथ वाहन खड़ी किए जाने की सुविधा होने से भी यहां लोग आना पसंद करते हैं।