होली पर सजने लगी रंगों पिचकारियों की दुकान

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आपसी गिले शिकवे भुलाकर दोस्ती में रंगने का उत्सव रंगोत्सव का 5 दिवसीय पर्व 24 मार्च से प्रारंभ हो रहा है जिसमे 25 मार्च को पूरे क्षेत्र में धुरेड़ी का पर्व गुलाल उड़ाकर धूमधाम से मनाया जायेगा। जिसको लेकर नगर सहित ग्रामीण अंचलों में लोगों ने अपने-अपने स्तर पर तैयारी प्रारंभ कर लिये है और पर्व को लेकर सभी उत्साहित नजर आ रहे है। जिसके लिये नगर सहित ग्रामीण क्षेत्र में विभिन्न स्थानों पर रंग-बिरंगी पिचकारी, गुलालों, टोपियों, मुखौटों व बताशों के मालों की दुकानें सजने लगी है जहाँ बच्चों के द्वारा अपनी पसंदीदा पिचकारी, मुखौटे, पोंगा-तुर्रा सहित अन्य खिलौने की खरीदी की जा रही है। परन्तु बाजार में रौनक नजर आ रही है जिसका कारण महंगाई को माना जा रहा है। इस दौरान देखे तो ग्रामीण अंचल से लोग शहर में आ तो रहे हैं परंतु वह आवश्यकतानुसार होली पर्व के लिए रंग, गुलाल, पिचकारी एवं अन्य सामग्री की खरीदी कम कर रहे है साथ ही लोगों में होली पर्व को लेकर उत्साह नजर आ रहा है।

आचार संहिता का पालन कर मनाना होगा त्योहार

लोकसभा चुनाव के लिए आदर्श आचार संहिता जिले सहित क्षेत्र में प्रभावी रूप से लागू है ऐसे में इस वर्ष होली पर्व में लोग पहले की तरह देर रात्रि तक डीजे नही बजा पायेगें। यानि कि इस बार आदर्श आचार संहिता का पालन करते हुए लोगों को होली का पर्व मनाना पड़ेगा। जिसमें होली जलाने और डीजे लगाने के लिए भी शासन से अनुमति लेना होगा। वही इस दौरान किसी प्रकार का हुड़दंग पुलिस विभाग के द्वारा सहन नहीं किया जाएगा जिसको लेकर एक तरफ थोड़ी नाराजगी स्पष्ट रूप से देखी जा रही है।

होलिका दहन पर उठेगा व्यापार

हमारा क्षेत्र कृषि पर आधारित है गत दिवस हुई बारिश के कारण किसान परेशान है तो वही बाहर कमाने गये लोग नही आये है वही महंगाई बढऩे के कारण पूर्व की तरह खरीदी नही कर पा रहे है। जिसके कारण व्यापारियों का व्यापार मंद चल रहा है। जिसमे होलिका दहन के दिन 24 मार्च को व्यापार में उछाल आने की बात कही जा रही है। क्योंकि त्यौहार के दिन सभी लोग अपने घरों को आते और उसी दिन बाजार से वह आवश्यकता अनुसार चीजों की खरीदी कर त्यौहार मनाते हैं।

करीब 25 प्रतिशत बड़ी है महंगाई – मनीष

व्यापारी मनीष बुरडे ने बताया कि अभी चलन में पंप बंदूक गुब्बारे और मास्क है इसमें सर्वाधिक बच्चों के आइटम है जो सबसे ज्यादा बिकते हैं जिसमें आकर्षक मास्क पिचकारी है। अभी बाजार में रौनक नहीं है क्योंकि अब त्यौहार का बाजार दो दिवस का हो गया है उसे हिसाब से बाजार उठेगा परंतु इधर देख तो बाजार में महंगाई भी बड़ी है। हर वस्तु की कीमत पहले से 20 से 25 प्रतिशत बढ़ गई है ऐसे में महंगाई से बाजार पर फर्क तो पड़ा है। इस मर्तबा रंग नागपुर जबलपुर इंदौर से आ रहा है महंगाई के कारण ज्यादा दूर हम नहीं जा रहे हैं पर नेचुरल रंग ला रहे हैं क्योंकि प्रकृति को भी हमें देखना है। इस दौरान चाइना रंग का उपयोग नहीं किया जा रहा है बल्कि थोड़ा बहुत सामान का विक्रय हो रहा है।

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