Bhulekh MP: मध्य प्रदेश सरकार की इस योजना से किसानों को एक क्लिक में मिलेगी खसरा-खतौनी की जानकारी, जानें प्रोसेस

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भोपाल: मध्य प्रदेश के किसानों के लिए खुशखबरी है। अब उन्हें अपनी जमीन के रिकॉर्ड आसानी से और कम कीमत पर मिलेंगे। मोहन सरकार ने ई-खसरा परियोजना शुरू की है, जिसके तहत किसान सिर्फ 30 रुपये में खसरा-खतौनी की प्रमाणित कॉपी प्राप्त कर सकते हैं। यह व्यवस्था जमीन से जुड़ी धोखाधड़ी रोकने और पारदर्शिता लाने के लिए शुरू की गई है।

राष्ट्रीय भू-अभिलेख आधुनिकीकरण कार्यक्रम के अंतर्गत ई-खसरा परियोजना की शुरुआत हुई है। इस परियोजना का लक्ष्य जमीन के रिकॉर्ड को डिजिटल बनाना और किसानों तक आसानी से पहुंचाना है। इससे जमीन से जुड़ी धोखाधड़ी और भ्रष्टाचार पर लगाम लगेगी। अब किसानों को केवल 30 रुपये प्रति पन्ने पर खसरा, खतौनी और नक्शे की प्रमाणित प्रति मिलेगी।

नहीं रहेगी हेराफेरी की आशंका

खसरा और खतौनी किसानों के लिए बेहद महत्वपूर्ण दस्तावेज हैं। इनमें जमीन और खेती से जुड़ी सारी जानकारी होती है। पहले किसानों को केवल खसरा-खतौनी की फोटोकॉपी मिलती थी, जिसमें कई बार हेराफेरी की आशंका रहती थी। इससे किसानों को नुकसान उठाना पड़ता था। कई बार तो किसानों के साथ धोखाधड़ी भी हो जाती थी। ऐसे कई मामले सामने आए हैं जिनमें खसरा-खतौनी में बदलाव करके किसानों को ठगा गया है। लेकिन अब इस नई व्यवस्था के आने से ऐसी गड़बड़ी की गुंजाइश नहीं रहेगी। किसानों को अब प्रमाणित दस्तावेज मिलेंगे, जिससे उन्हें सुरक्षा मिलेगी।

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