CBI और ED चीफ का कार्यकाल बढ़ाकर किया गया 5 साल, मोदी सरकार ने लाया अध्यादेश

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केंद्र सरकार प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) और केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) के निदेशकों के कार्यकाल को 5 साल तक बढ़ाने के लिए अध्यादेश लाई है। केंद्रीय जांच एजेंसियों के प्रमुखों का वर्तमान कार्यकाल दो साल का है। राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने दोनों अध्यादेशों पर हस्ताक्षर कर दिए हैं।

केंद्रीय सतर्कता आयोग (संशोधन) अध्यादेश 2021 ने कहा कि बशर्ते कि जिस अवधि के लिए प्रवर्तन निदेशक अपनी प्रारंभिक नियुक्ति पर पद धारण करता है, वह सार्वजनिक हित में, खंड (ए) के तहत समिति की सिफारिश पर और लिखित रूप में दर्ज किए जाने के कारण को एक बार में एक साल तक बढ़ाया जा सकता है।

अध्यादेश में कहा गया है कि बशर्ते कि प्रारंभिक नियुक्ति में उल्लिखित अवधि समेत कुल मिलाकर 5 साल की अवधि पूरी होने के बाद ऐसा कोई विस्तार नहीं दिया जाएगा।

इस साल सितंबर में, सुप्रीम कोर्ट ने प्रवर्तन निदेशालय के प्रमुख संजय कुमार मिश्रा के कार्यकाल को बढ़ाने की केंद्र की शक्ति को बरकरार रखा था, जिसमें कहा गया था कि रिटायरमेंट की आयु के बाद अधिकारियों का विस्तार “सिर्फ रेयल और असाधारण मामलों में ही किया जाना चाहिए”।

ईडी वित्त मंत्रालय के राजस्व विभाग के तहत एक विशेष वित्तीय जांच एजेंसी है, जो विदेशी मुद्रा कानूनों और विनियमों और मनी लॉन्ड्रिंग से संबंधित मामलों की जांच करती है।

सीबीआई कार्मिक, लोक शिकायत और पेंशन मंत्रालय के तहत प्रमुख जांच एजेंसी है, जो रिश्वतखोरी, सरकारी भ्रष्टाचार, केंद्रीय कानूनों के उल्लंघन, मल्टी स्टेट ऑर्गनाइज्ड क्राइम, आर्थिक अपराध और अन्य मामलों से संबंधित मामलों की जांच करती है।

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