रायपुर। Chhattisgarh News: आगामी नौ फरवरी से केंद्र सरकार द्वारा जनगणना किया जाना सुनिश्चित किया गया है। इसमें अन्य पिछड़ा वर्ग को शामिल नहीं किया गया है। पूर्व की भांति विशाल ओबीसी समुदाय को सामान्य वर्ग के साथ जोड़कर हमारी समस्त जाति, उपजाति के साथ अन्याय किए जाने का प्रपंच रचा गया है, जिसका हम विरोध करेंगे। विरोध की कड़ी में हम सभी पिछड़ा वर्ग से जुडे़ आमजन अपने घरों के द्वारों में कोरे कागज में लिख ’जब तक ओबीसी काॅलम नहीं जनगणना नहीं’ चस्पा कर अपनी असहमति जताएंगे।
उक्त बातें अखिल भारतीय ओबीसी महासभा के राष्ट्रीय कोषाध्यक्ष व प्रदेश प्रभारी जितेंद्र कुमार ने अभा ओबीसी महासभा की टिकरापारा के शासकीय नवीन विद्यालय के सभा हाल में आयोजित प्रांतीय बैठक में कही। उन्होंने आगे कहा कि पिछले 90 वर्षों से ओबीसी का बड़ा समाज होने के बावजूद उसको नजरअंदाज किया जा रहा है क्योंकि सरकार पिछड़ा वर्ग को उसका अधिकार नहीं देना चाहती हैै।इसके विपरित ओबीसी समाज जागरूकता के अभाव में लगातार शोषित और पीड़ित है। लेकिन अब ऐसा नहीं होगा हमारा विशाल समाज अब सजग हो गया है। हम विविध आंदोलन के तहत अपनी मांग सरकार तक पहुंचाएंगे भी और उसकी पूर्ति भी कराएंगे। अभा ओबीसी महासभा के प्रदेश अध्यक्ष गोपाल प्रसाद ने कहा कि पूरे देश में हमें अपनी विशाल आबादी अर्थात 55 प्रतिशत होने के मददेनजर 52 प्रतिशत का आरक्षण मिलना चाहिए, जबकि मिल 27 प्रतिशत रहा है।हम संविधान में निहित शक्तियों के तहत 52 प्रतिशत आरक्षण के हकदार हैं। इसके बाद भी छत्तीसगढ़ में हमें मात्र 14 प्रतिशत ही आरक्षण दिया जाता है। उसमें भी हमें मिलता मात्र आठ प्रतिशत जो कि छलपूर्वक सरकार के गलत नीति को बयां करता है। बड़े दुख के साथ कहना पड़ रहा कि विविध सरकारों द्वारा फिर चाहे वह केंद्र सरकार हो या फिर राज्य की सरकार, हमारे अधिकारों का हनन इसलिए कर लेती है और कर रही है क्योंकि हमारी गिनती ही नहीं हो रही।उनके पास प्रमाण है कि अन्य पिछड़ा वर्ग को उनके प्रमाण के अनुसार ही अधिकार दिया जा रहा है। जबकि संविधान सम्मत हमें 52 प्रतिशत आरक्षण का लाभ मिलना चाहिए। सभी सरकार जानबूझकर हमारी जनगणना नहीं कराना चाहती क्योंकि हम यदि प्रमाणित रूप से जनसंख्या में बड़े हो गए, तो हमें शासन को बाध्य होकर बड़ा आरक्षण देना ही होगा। वहीं, विशाल पिछड़ा समाज को आरक्षण के नाम पर केवल निगम, पंचायत चुनावों में प्रतिनिधित्व का झुनझुना पकड़ाया जा रहा है, जबकि क्यों नहीं हमें विधानसभा और लोकसभा में भी प्रतिनिधित्व का अवसर दिया जाए।मारी मांग विधानसभा और लोकसभा में प्रतिनिधित्व का स्थाई अवसर दिया जाए, तभी देश के विशाल ओबीसी समाज के साथ न्याय हो सकेगा। सभा को अभा ओबीसी महासभा के युवा प्रदेश अध्यक्ष अशोक साहू, अभा ओबीसी महासभा जिलाध्यक्ष ईश्वर प्रसाद निषाद, छग मनवा कुर्मी क्षत्रीय समाज के केंद्रीय सचिव जगेश्वर प्रसाद वर्मा, सेन समाज के प्रदेश अध्यक्ष भूपेन्द्र कुमार सेन सहित क्रांतिकारी शिक्षक संघ के प्रदेश संगठन संयोजक सुरेश कुमार टंडन ने भी संबोधित किया।वहीं, मंच का संचालन अभा ओबीसी महासभा के रायपुर महानगर के अध्यक्ष विशेष विद्रोही ने किया। बैठक में अभा ओबीसी महासभा महिला प्रदेश अध्यक्ष विद्या सेन, प्रदेश मीडिया प्रभारी नन्दू हिरवानी सहित विजय यादव, हिमांशु बघेल व समस्त जिलों के जिलाध्यक्ष व कार्यकारिणी सैकड़ों की संख्या में उपस्थित थे।