दिल्ली-एनसीआर में वायु प्रदूषण का मौसम शुरू होते ही पंजाब, हरियाणा और उत्तर प्रदेश में पराली जलाने की घटनाएं 100 तक पहुंच गई हैं। दिल्ली सरकार का 2024 के लिए 2,350 ई-बसों का लक्ष्य अभी पूरा नहीं हुआ है। हरियाणा और उत्तर प्रदेश में भी स्थिति बेहतर नहीं है।
दिल्ली-एनसीआर में प्रदूषण का मौसम शुरू होने वाला है और पंजाब, हरियाणा और उत्तर प्रदेश में पहले ही 100 से ज़्यादा पराली जलाने की घटनाएं हो चुकी हैं। यह चिंता का विषय है क्योंकि पंजाब और हरियाणा ने 2024 तक शून्य पराली जलाने का वादा किया था। वायु प्रदूषण कम करने के लिए परिवहन और धूल नियंत्रण जैसे कई वादे पूरे नहीं हुए हैं।
राज्यों ने पूरे नहीं किए अपने वादे
केंद्र सरकार की हालिया समीक्षा में पाया गया कि दिल्ली सरकार ने 2024 तक 2,350 ई-बसों की खरीद का लक्ष्य रखा था, जो अभी तक पूरा नहीं हुआ है। 2025-26 तक 18,000 इलेक्ट्रिक वाहन (ईवी) चार्जिंग पॉइंट तैयार करने थे, लेकिन अभी सिर्फ़ 4,800 ही तैयार हैं। हरियाणा और उत्तर प्रदेश में भी हालात अच्छे नहीं हैं।
शहरों के बीच चलने वाली बसों को भी साफ-सुथरे उत्सर्जन मानकों वाली बसों-ईवी से सीएनजी या बीएस-VI डीजल में बदलने का लक्ष्य भी पूरा नहीं हुआ है। पंजाब, हिमाचल प्रदेश, उत्तराखंड, मध्य प्रदेश और जम्मू-कश्मीर से दिल्ली आने वाली 1,006 इंटरसिटी बसों में से आधे से ज़्यादा बसें अभी भी पुराने मानकों वाली हैं। इसी तरह, हरियाणा, उत्तर प्रदेश और राजस्थान से दिल्ली आने वाली 300 से ज़्यादा इंटरसिटी बसों को भी साफ-सुथरे ईंधन पर नहीं बदला गया है।