केंद्र सरकार ने इलेक्ट्रिक गाड़ियों को बढ़ावा देने के लिए एक बड़ा फैसला किया है। अब इलेक्ट्रिक व्हीकल्स खरीदने पर रजिस्ट्रेशन सर्टिफिकेट के लिए कोई चार्ज नहीं देना होगा। साथ ही अगर आपके पास पुरानी इलेक्ट्रिक व्हीकल है, तो इसके रजिस्ट्रेशन सर्टिफिकेट के रिन्यूअल के लिए भी कोई फीस नहीं देनी होगी। बयान के अनुसार, देश में ई-वाहन को बढ़ावा देने के इरादे से यह कदम उठाया गया है। सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय ने एक बयान में कहा कि उसने बैटरी चालित वाहनों को नए रजिस्ट्रेशन मार्क (New Registration Mark) को लेकर भी शुल्क भुगतान से छूट दी है। इस संबंध में एक अधिसूचना 2 अगस्त, 2021 को जारी कर दी गई है।
इलेक्ट्रिक व्हीकल निर्माता सरकार के इस फैसले से काफी उत्साहित हैं। इनका मानना है कि इलेक्ट्रिक वाहनों को रजिस्ट्रेशन फीस से छूट दिए जाने से ऐसे वाहनों की बिक्री को बढ़ावा मिलेगा। साथ ही कुछ के मुताबिक रजिस्ट्रेशन शुल्क से छूट दिए जाने का फैसले से इलेक्ट्रिक वाहन ग्राहकों के लिए किफायती साबित होंगे। आपको बता दें कि केंद्र एवं राज्य सरकारों द्वारा इलेक्ट्रिक गाड़ियों पर तमाम प्रोत्साहन दिए जाने के बाद अब केंद्रीय मोटन वाहन अधिनियम, 1989 में ईवी के लिए रजिस्ट्रेशन शुल्क में छूट देने का संशोधन किया गया है।
आपको बता दें कि बजट 2021 में सरकार ने व्हीकल स्क्रैपिंग पॉलिसी की घोषणा की थी। परिवहन मंत्रालय ने Central Motor Vehicle (Amendment) Rules, 2021 की घोषणा की थी। इसके तहत 15 साल से ज्यादा पुरानी गाड़ियों के मालिकों को इसके फिटनेस सर्टिफिकेट जारी कराने या फिर रिन्युअल कराने के लिए ज्यादा पैसे देने होंगे। यह नियम 1 अक्टूबर, 2021 से लागू होने वाला है। दूसरी तरफ सरकार इलेक्ट्रिक गाड़ियों पर इनसे पूरी तरह छूट दे रही है।
इलेक्ट्रिक वाहनों को प्रोत्साहन देने के लिए कई कदम
- केंद्र सरकार ने हाल ही में इलेक्ट्रिक टू-व्हीलर्स के लिए फेम-2 प्रोत्साहन में भी 50 फीसदी का इजाफा किया है।
- अब इलेक्ट्रिक टू-व्हीलर्स पर 10,000 रुपये किलोवाट प्रति घंटा से बढ़ाकर प्रोत्साहन 15,000 रुपये किलोवाट प्रति घंटा कर दिया गया है।
- इलेक्ट्रिक वाहनों को पहले ही पांच प्रतिशत GST स्लैब में रखा गया है, जबकि पेट्रोल वाली मोटरसाइकिलों को 28 फीसदी स्लैब में रखा गया है।