Farmers Protest: ट्रैक्टर रैली हिंसा मामले में सुप्रीम कोर्ट ने सुनवाई से किया इन्कार

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 Farmer Protest । तीन कृषि कानूनों को लेकर केंद्र सरकार और किसान संगठनों के बीच टकराव बढ़ते जा रहा है। इधर सुप्रीम कोर्ट ने गणतंत्र दिवस पर दिल्ली में किसानों की ट्रैक्टर रैली के दौरान हुई हिंसा से जुड़ी याचिकाओं पर सुनवाई करने से इन्कार कर दिया है। कोर्ट ने याचिकाकर्ताओं को सरकार के समक्ष प्रतिनिधित्व दर्ज करने की अनुमति दी। एक याचिका में सुप्रीम कोर्ट के सेवानिवृत्त जज की अध्यक्षता में आयोग गठन करके जांच की मांग की गई थी। वकील विशाल तिवारी ने यह मांग की थी। आगामी 6 फरवरी को देशभर में होने वाले चक्काजाम को लेकर भारतीय किसान यूनियन के राष्ट्रीय प्रवक्ता राकेश टिकैत ने कहा है कि वह दिल्ली-एनसीआर में चक्काजाम नहीं करेंगे। राकेश टिकैत ने कहा कि दिल्ली-एनसीआर के पास ऐसा कुछ नहीं होगा। टिकैत ने कहा है कि किसान अपनी-अपनी जगहों पर सड़क बंद करेंगे और प्रशासन को ज्ञापन भी देंगे। इस मामले में आज चीफ जस्टिस एसए बोबडे, न्यायमूर्ति एएस बोपन्ना और न्यायमूर्ति वी रामसुब्रमण्यन की पीठ सुनवाई की।

दिल्ली पुलिस ने इन लोगों पर घोषित किया ईनाम

दिल्ली पुलिस ने 26 जनवरी को लाल किला हिंसा में आरोपित दीप सिद्धू, जुगराज सिंह, गुरजंत सिंह, गुरजंत सिंह, जगबीर सिंह, बुटा सिंह, सुखदेव सिंह और इकबाल सिंह पर इनाम घोषित किया है। गौरतलब है कि राकेश टिकैत बुधवार को जींद में कंडेला गांव पहुंचे हैं। वह यहां किसानों के लिए होने वाली महापंचायत में हिस्सा भी लेंगे। गौरतलब है कि जींद में हो रही इस महापंचायत में हरियाणा के करीब 50 खापों के प्रतिनिधि भी महापंचायत शामिल होंगे। इस महापंचायत में किसान आंदोलन की आगामी रणनीति बनाई जाएगी। इस बीच किसान संगठनों ने साफ कर दिया है कि किसान कानून वापसी से कम पर किसी भी चीज पर नहीं मानेंगे। चाहे आंदेलन कितना भी लंबा क्यों न चले। किसान नेता राकेश टिकैत ने साफ कहा कि आंदोलन अक्टूबर तक चलेगा और सरकार से बात नहीं बनी तो फिर किसान संगठन देशभर में 40 लाख ट्रैक्टरों की रैली निकालेंगे।

गौरतलब है कि 3 कृषि कानूनों को वापस लेने की मांग को लेकर 26 जनवरी को हजारों की संख्या में कृषि कानून विरोधियों ने ट्रैक्टर रैली निकाली थी। इस दौरान दिल्ली की सड़कों पर हिंसा भड़क गई थी और कई जगह प्रदर्शनकारियों ने पुलिस के बैरिकेड्स तोड़ दिए थे। वाहनों में तोड़ फोड़ की और लाल किले पर एक धार्मिक ध्वज फहरा दिया।

गिरफ्तार किसानों को रिहा करने की मांग

किसान नेता राकेश टिकैत ने कहा है कि जब तक सरकार व पुलिस प्रशासन किसाना का उत्पीड़न बंद नहीं करेगी और गिरफ्तार किए गए किसानों को रिहा नहीं करेगी, तब तक सरकार से कोई बात नहीं होगी। गौरतलब है कि दिल्ली की विभिन्न सीमाओं पर पंजाब, हरियाणा, पश्चिमी उत्तर प्रदेश समेत कई अन्य जगहों के किसान कानूनों के विरोध में पिछले दो महीनों से ज्यादा समय से आंदोलन कर रहे हैं।

किसान संगठनों की मांग है कि इन कानूनों को वापस लेने के अलावा MSP पर कानून बनाया जाए। वहीं प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शनिवार को सर्वदलीय बैठक में कहा था कि कृषि कानूनों का क्रियान्वयन डेढ़ साल के लिए स्थगित करने का सरकार का प्रस्ताव बरकार है। एक फोन कॉल पर केंद्रीय मंत्री किसान संगठनों से बैठक का समय व स्थान तय कर देंगे।

सरकार व किसान संगठनों के बीच अंतिम बैठक गत 22 जनवरी को हुई थी, जिसमें सरकार की ओर से नए कानूनों को 18 माह के लिए रोक लगाने का प्रस्ताव दिया गया था, लेकिन किसान संगठन तीनों कृषि कानूनों को रद्द करने की मांग पर अब तक अड़ियल रवैया अपनाए हुए हैं।

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