IIMC के पूर्व महानिदेशक संजय द्विवेदी की MCU में नियुक्ति गलत, हाईकोर्ट ने नौकरी से हटाने के दिए निर्देश

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देश के सबसे बड़े पत्रकारिता और संचार संस्थान आईआईएमसी में महानिदेशक रह चुके संजय द्विवेदी की नौकरी मध्य प्रदेश हाई कोर्ट ने रद्द कर दी है। उनके साथ ही प्रोफेसर पवित्र श्रीवास्तव की नौकरी रद्द करने की आदेश हाई कोर्ट ने दिए हैं। नवभारत टाइम्स.कॉम ने माखनलाल विश्वविद्यालय के कुलपति प्रोफेसर (डॉ) सुरेश से पूछा कि दोनों ही प्रोफेसर पर विश्वविद्यालय क्या निर्णय लेगा? जवाब देते हुए जवाब देते हुए कुलपति ने कहा कि हमें हाई कोर्ट का आदेश मिल गया है, इस आदेश पर हम अपनी लीगल सेल से सलाह ले रहे हैं। उसके बाद कानून के अनुसार नियम का पालन किया जाएगा, हम हाई कोर्ट के आदेश का हम पालन करेंगे।


माखनलाल के हैं दोनों प्रोफेसर

दरअसल, प्रोफेसर संजय द्विवेदी और पवित्र श्रीवास्तव दोनों ही माखनलाल चतुर्वेदी विश्वविद्यालय में प्रोफेसर हैं। प्रोफेसर संजय द्विवेदी जनसंचार विभाग में प्रोफेसर हैं, जबकि पवित्र श्रीवास्तव विज्ञापन एवं जनसंपर्क विभाग के विभाग अध्यक्ष हैं। वर्ष 2009 में दोनों को रीडर (एसोसिएट प्रोफेसर) पद पर इंटरव्यू के माध्यम से नियुक्ति दी गई थी, उस प्रक्रिया को हाई कोर्ट ने गैरकानूनी माना है।

2015 में लगाई थी याचिका

प्रोफेसर आशुतोष मिश्रा ने विश्वविद्यालय पर नियमों की अनदेखी करके इंटरव्यू करने का आरोप लगाते हुए वर्ष 2015 में जबलपुर हाई कोर्ट में याचिका दायर की थी। इसी याचिका पर 9 साल बाद 25 अप्रैल 2024 को आदेश आया है। हाई कोर्ट ने अपने आदेश में कहा है कि जब दोनों का चयन किया जा रहा था, उस समय सिलेक्शन कमेटी में दोनों ही विभाग के अध्यक्षों को चयन कमेटी में क्यों शामिल नहीं किया गया था?

इंटरव्यू में नियमों का पालन नहीं हुआ

प्रोफेसर आशुतोष मिश्रा के अनुसार उन्होंने कोर्ट में दलील दी थी कि विश्वविद्यालय ने 11 अप्रैल 2008 को विभिन्न विभागों में भर्ती के लिए विज्ञापन जारी किया था। इस भर्ती के लिए आयोजित किए गए इंटरव्यू में विश्वविद्यालय अधिनियम 1990 की धारा 33 (2)(डी) का पालन नहीं किया गया था।

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