सालों एक विभाग में काम करने वाले ठेका कर्मियों को बिजली कंपनी अब बाहर करने लगी है। ये नियमित तो नहीं है लेकिन ठेका श्रमिक के तौर पर सेवा दे रहे थे। ठेका लेने वाली कंपनियों ने 45 के पार पहुंचने वाले श्रमिकों को बाहर करना शुरू कर दिया है। शहर से पहली किश्त में 9 कर्मियों बेदखल करने की गुजारिश ठेका कंपनी की तरफ से मुख्य अभियंता जबलपुर संभाग को भेजी गई है।
45 की उम्र का बंधन: नियमित कर्मियों को जहां 62 साल की सेवा के पश्चात सेवानिवृत्त किया जा रहा है वहीं ठेका श्रमिकों को 45 साल की सेवा के बाद हटाया जा रहा है। इन श्रमिकों को किसी अन्य तरह का कोई लाभ भी नहीं मिल रहा है कंपनी का कहना है कि 45 साल की उम्र के बाद उनकी कार्य क्षमता में कमी आ जाती है।
इधर ठेका श्रमिकों की तरफ से कई संगठनों ने विरोध किया है। मप्र विद्युत मंडल तकनीकी कर्मचारी संघ के हरेंद्र श्रीवास्तव ने कहा कि उम्र के उस पड़ाव में जब कर्मी कोई दूसरा कार्य कर नहीं पाता है तब कंपनियां उसे काम से अलग कर रही है ऐसा करना अमानवीय व्यावहार है जो ठेका श्रमिकों के साथ किया जा रहा है। हरेंद्र श्रीवास्तव ने कंपनियों से इस तरह के नियम में बदलाव की मांग की है। उनका कहना है कि अधिकांश कर्मचारियों की शादी हो चुकी है उनके बच्चें है लेकिन एकाएक नौकरी जाने से उनके सामने रोजगार का संकट पैदा हो गया है। उन्हें दूसरी संस्था में भी काम करना मुश्किल होगा।
प्राइम वन ने निकाला: नगर संभाग दक्षिण, विजय नगर संभाग में कार्यरत 9 कर्मचारियों को प्राइमवन ठेका कंपनी ने हटाने का आवेदन अधीक्षण यंत्री को भेजा हुआ है। इनके मुताबिक उक्त कर्मियों की उम्र 45 साल की सीमा को पार कर चुकी है।