Microsoft बनी दुनिया की सबसे वैल्यूएबल कंपनी, Apple को पीछे किया

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माइक्रोसॉफ्ट (Microsoft) अब दुनिया में सबसे ज्यादा मार्केट कैप वाली कंपनी बन गई है। शुक्रवार को अमेरिकी शेयर बाजार खुलने पर एपल (Apple) के शेयर 3 प्रतिशत तक गिरे। वह कंपनी की वैल्यू 180.75 लाख करोड़ रुपए (2.41 ट्रिलियन डॉलर) रह गई। इतनी बड़ी गिरावट के पीछे कंपनी को अनुमान के मुताबिर मुनाफा नहीं होना माना गया है।

माइक्रोसॉफ्ट के शेयर में 45% तक वृद्धि

माइक्रोसॉफ्ट के शेयर सिर्फ 1 प्रतिशत बढ़े। वह 183.75 लाख करोड़ रुपए (2.45 ट्रिलियन डॉलर) मार्केट कैप वाली दुनिया की सबसे वैल्यूएबल कंपनी बन गई। कंपनी के स्टॉक में इस साल 45 प्रतिशत से अधिक की वृद्धि हुई है। इस वर्ष एपल के शेयर 15 प्रतिशत चढ़ चुके हैं। हारग्रीव्स लैंसडाउन के इक्विटी एनालिस्ट सोफी लुंड-येट्स ने कहा कि हम हार्डवेयर केंद्रित FAANG साथियों की तुलना में एपल भी आपूर्ति श्रृंखला व्यवसधान के लिए अधिक उजागर है।

एपल ने की बायबैक की घोषणा

एपल ने पिछले कुछ सालों में 421.7 बिलियन डॉलर की फिर से खरीदी की। वह अप्रैल में बड़े पैमाने पर 90 बिलियन डॉलर शेयर बायबैक की घोषणा की थी। इस कारण कंपनी का बकाया स्टॉक पूल कम होता रहता है। इसकी वित्तीय चौथी तिमाही में 16.4 बिलियन शेयरों के साथ समाप्त होता है।

माइक्रोसॉफ्ट को आगे बढ़ाने में नडेला का हाथ

बता दें माइक्रोसॉफ्ट को आगे बढ़ाने में भारतीय मूल के सीईओ सत्या नडेला का बहुत बड़ा हाथ है। नडेला ने 2014 में कंपनी की कमान संभाली थी। इसके बाद उन्होंने कंपनी को पूरी तरह बदल दिया। उनके नेतृत्व में माइक्रोसॉफ्ट पीसी सॉफ्टवेयर से सॉफ्टवेयर-ए-सर्विस और क्लाउड कंप्यूटिंग कंपनी बन गई है। सत्या के रहते माइक्रोसॉफ्ट ने 91 कंपनियों का अधिग्रहण किया है। कंपनी की इनकम अब दोगुनी हो चुकी है।

पांच सालों में 6.5 गुना अधिक इजाफा

माइक्रोसॉफ्ट ने सितंबर तिमाही में क्लाउड सर्विसेज से 50 फीसद अधिक आय अर्जित की है। बीते पांच सालों में कंपनी के शेयरों में 6.5 गुना से अधिक का इजाफा हो चुका है। माइक्रोसॉफ्ट से शेयरों में बढ़ोतरी से इसकी तुलना अमेजन, मेटा और गूगल से की जाने लगी है।

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