मुंबई: आप यदि म्यूचुअल फंड में निवेश करते हैं या इसमें दिलचस्पी लेते हैं तो आपके मन में भी यह सवाल उठता होगा। सवाल यह कि किसी भी म्यूचुअल फंड के प्रदर्शन का विश्लेषण करते समय सबसे महत्वपूर्ण पहलू क्या होता है? जानकारों का कहना है कि इसमें जो मापा जाता है वह है कि किसी स्कीम ने विभिन्न अवधि में कितना रिटर्न दिया है।
सबसे महत्वपूर्ण बात क्या?
म्यूचुअल फंड के विशेषज्ञों का कहना है कि इसमें सबसे महत्वपूर्ण बात यह है कि कई समय-सीमाओं में रोलिंग रिटर्न के मुख्य उपाय क्या हैं। इससे हमें फंड की स्थिरता का पता चलता है। उदाहरण के लिए 10-15 साल की अवधि में फंड के 5 साल के रोलिंग रिटर्न का उपयोग औसत मीडियम, न्यूनतम और अधिकतम रिटर्न, समय-सीमाओं का अनुपात जिसमें यह अपने बेंचमार्क से बेहतर प्रदर्शन करता है आदि को मापने के लिए किया जा सकता है।
क्या है रोलिंग रिटर्न
रोलिंग रिटर्न, जिसे रोलिंग पीरियड रिटर्न भी कहा जाता है, एक विधि है जिसका प्रयोग विभिन्न समय अवधियों पर एक दिये हुए समय में एक निवेश के प्रदर्शन का मूल्यांकन करने के लिए किया जाता है। केवल एक निश्चित अवधि (जैसे एक साल या तीन साल) में फंड के प्रदर्शन का मूल्यांकन करने के बजाय, रोलिंग रिटर्न आपको यह जांचने की अनुमति देते हैं कि कोई निवेश एक से अधिक, समय अवधियों पर किस प्रकार से किया गया है। यह फंड के ऐतिहासिक प्रदर्शन के अधिक व्यापक और लचीले दृष्टिकोण प्रदान करता है। यहां प्रमुख पैरामीटर शार्प, सॉर्टिनो और ट्रेयनोर अनुपात ( Sharpe, Sortino and Treynor ratios) हैं। कुछ अन्य महत्वपूर्ण उपाय जेन्सन का अल्फा और अप/डाउन कैप्चर अनुपात हैं।